महाकुंभ: 144 साल के दावे पर स्वामी महेशाश्रम बोले- 'कुछ विद्वान लोगों को ही पता...'
पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी महेशाश्रम जी महाराज ने ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को विस्तार से समझाते हुए इस बात की पुष्टि की कि इस बार के महाकुंभ में विशेष फलदाई अमृत योग बना है.

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं का जो जन सैलाब उमड़ा है, उसका अनुमान न तो सरकार को था और ना ही जानकारों को. महाकुंभ में रोजाना तकरीबन एक करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें से ज्यादा तरह श्रद्धालुओं का यह कहना होता है कि इस बार 144 साल के बाद का जो अद्भुत संयोग बना है, उसी का पुण्य पाने के लिए वह महाकुंभ में पहुंचे हैं.
144 साल बाद के अद्भुत संयोग का जो दावा किया जा रहा है, उसमें कितनी सच्चाई है इसका पता लगाने के लिए हमारी टीम ने महाकुंभ में मौजूद धर्म और ज्योतिष के विशेषज्ञ नागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी महेशाश्रम जी महाराज से बातचीत की. उन्होंने ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को विस्तार से समझाते हुए इस बात की पुष्टि की कि इस बार के महाकुंभ में विशेष फलदाई अमृत योग बना है.
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हर कोई इसके बार में जान गया- स्वामी महेशाश्रम
उनके मुताबिक प्रयागराज में 12 कुंभ के बाद वास्तव में ऐसा सहयोग बना है जिसके आधार पर इस बार के कुंभ को महाकुंभ कहा जा सकता है. उन्होंने तो यहां तक दावा किया कि इस बार जो उत्पला योग बना है, वैसा ही संयोग समुद्र मंथन के वक्त बना था. स्वामी महेशाश्रम जी महाराज का कहना है कि इस तरह के विशेष मुहूर्त वाले संयोग की जानकारी सिर्फ कुछ विद्वान लोगों को ही पता थी, लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए यह इतनी तेजी से प्रचारित हुई कि हर कोई इसके बारे में जान गया.
स्वामी महेशाश्रम जी महाराज ने कहा कि लोगों को लगा कि यह मौका अब उनके जीवन में दोबारा नहीं आने वाला है, इसलिए हर कोई महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज की तरफ चला आ रहा है. गौरतलब है कि प्रयागराज महाकुंभ में अब तक 58 करोड़ आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. बता दें कि 144 साल के दावे पर जमकर सियासी बवाल हो रहा है. कई विपक्षी दलों ने इसपर सवाल उठाए हैं.
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Source: IOCL























