'रक्षासूत्र की डोर सिर्फ कलाई नहीं, बल्कि आत्मा को जोड़ती है', सीएम योगी ने दी रक्षाबंधन की बधाई
Rakshabandhan 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, पूर्व सीएम मायावती सहित कई दिग्गजों ने रक्षाबंधन की बधाई दी.

भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन का आज देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी मनाया जा रहा है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश वासियों को पर्व की शुभकामनाएं दी हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, "स्नेह की पवित्र गांठ, विश्वास की मौन प्रतिज्ञा, भाई-बहन के अटूट प्रेम की जीवंत अभिव्यक्ति रक्षाबंधन की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई. रक्षासूत्र की नन्ही डोर सिर्फ कलाई नहीं बांधती, आत्मा को जोड़ती है. यह हर युग में मर्यादा और आत्मीयता की अमर गाथा बुनती है."
वहीं उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य रक्षाबंधन के मौके पर एक पर लिखा, समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को पावन पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. यह मंगल अवसर भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और संरक्षण के अटूट बंधन का प्रतीक है. आइए, इस पर्व पर हम आपसी स्नेह, विश्वास और पारिवारिक मूल्यों को और अधिक मजबूत बनाने का संकल्प लें."
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दी शुभकामनाएं
वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने देश व प्रदेश वासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी. ब्रजेश पाठक ने एक्स पर लिखा, "भाई - बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक पर्व रक्षा बंधन की समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामाएं."
पूर्व सीएम मायावती ने दी रक्षाबंधन की बधाई
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रक्षाबंधन की बधाई दी है. मायावती ने एक्स पर लिखा, "भाई-बहन के आपस के पवित्र रिश्ते एवं प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के त्योहार की देश के समस्त भाई-बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें. लोग इसकी पवित्रता को बनाये रखते हुये पूरे सौहार्द व उमंग के साथ मनायें."
मंत्री ओपी राजभर ने खास अंदाज में किया विश
यूपी सरकार के मंत्री व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने रक्षाबंधन पर्व की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने लिखा, "रक्षाबंधन वह दिन है जब एक धागा अनगिनत भावनाओं को जोड़ता है , स्नेह, समर्पण, बचपन की शरारतें और आजीवन साथ का वादा."
उन्होंने लिखा, "इस पावन अवसर पर भाइयों से यह अपेक्षा रहती है कि वे बहन की भावनाओं, उसके आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की रक्षा करें. आज यह पर्व एक नया अर्थ ले भाई केवल रक्षक नहीं, सहायक, मित्र और पथप्रदर्शक भी हो. रिश्ता वही है जो समय के साथ और भी प्रगाढ़ हो जाए.
Source: IOCL






















