राहुल गांधी को यूपी पुलिस ने लौटाया तो भड़के कांग्रेसियों ने की गुंडागर्दी, आम जनता के साथ की मारपीट
Rahul Gandhi Sambhal Visit: गाजियाबाद सीमा पर राहुल गांधी को रोकने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अवरोधक तोड़ दिए, जिससे यातायात जाम हो गया. लोगों के विरोध पर कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीटा.

UP News: उत्तर प्रदेश के संभल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे से पहले बुधवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे में गाजीपुर सीमा पर लगाए गए भारी अवरोधकों को तोड़कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के वहां एकत्र होने से यातायात जाम हो गया. जाम से परेशान लोग राहुल और प्रियंका गांधी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. नारे लगाने के बाद कांग्रेस समर्थकों ने लोगों को जमकर पीटा. जाम में फंसे एक युवक ने कहा कि मुझे कुछ नहीं पता कि हमें क्यों रोका गया है. अगर वह (राहुल गांधी) वहां (सड़क के दूसरी तरफ) हैं तो यह सड़क क्यों अवरुद्ध है. जनता को क्यों परेशानी उठानी पड़ रही है.
बता दें बुधवार(4 दिसंबर) को राहुल और प्रियंका गांधी संभल के लिए रवाना हुए थे. लेकिन उन्हें गाजीपुर बार्डर पास रोक दिया गया. वहीं पुलिस द्वारा नोटिस मिलने के बाद राहुल और प्रियंका वापस दिल्ली लौट गए. लेकिन इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ता वहां डटे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. जिससे सड़कों पर जाम लगने लगा. पुलिस द्वारा काफिले को रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि पुलिस ने हमें संभल जाने से रोक दिया. विपक्ष के नेता होने के नाते यह मेरा अधिकार और कर्तव्य है कि मैं वहां जाऊं, फिर भी मुझे रोका गया.मैं अकेला जाने को भी तैयार हूं, लेकिन वे इसके लिए भी नहीं माने. यह संविधान के खिलाफ है. भाजपा क्यों डरी हुई है अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पुलिस को आगे क्यों कर रही है. सच्चाई और भाईचारे के संदेश को क्यों दबा रही है.
#WATCH | Commuters raised slogans against Lok Sabha LoP Rahul Gandhi at Ghazipur border earlier today amid traffic slowdown due to barricading related to his visit to violence-hit Sambhal. A scuffle also broke out between Congress workers and commuters. pic.twitter.com/rinybt7wBx
— ANI (@ANI) December 4, 2024
क्या बोले अखिलेश यादव
राहुल को संभल जाने से रोकने के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया. किसी भी पार्टी के नेता को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है. वे क्या छिपाना चाहते हैं, प्रशासन की भाषा देखिए. क्या लोकतंत्र में अधिकारियों को इस तरह का व्यवहार और भाषा की अनुमति दी जा सकती है. पता नहीं वे 10 तारीख तक क्या-क्या छिपाएंगे और कितना दबाव बनाएंगे. उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में पुलिस सिर्फ लोगों को फंसाने का काम कर रही है, न्याय दिलाने का नहीं.
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Source: IOCL





















