डोईवाला में धरना दे रहे व्यापारियों के बीच पहुंचे प्रेमचंद अग्रवाल, कहा- फिर अच्छे दिन आएंगे
Uttarakhand News: पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सोमवार को अपने समर्थन में धरना दे रहे व्यापारियों के बीच पहुंचे और उनसे दुकानें खोलने की अपील की. साथ ही प्रदर्शनकारियों का आभार जताया.

प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के विरोध में डोईवाला व्यापार संघ ने सोमवार को बाजार बंद का आह्वान किया था. व्यापारी सुबह से ही अपनी दुकानें बंद रखकर डोईवाला चौक पर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग कर रहे थे कि प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा वापस लिया जाए. इसी दौरान अचानक प्रेमचंद अग्रवाल खुद धरना स्थल पर पहुंच गए. उन्हें देखते ही प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी.
प्रेमचंद ने लोगों से धरना खत्म करने की अपील की
प्रेमचंद अग्रवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर माइक संभाला और "भारत माता की जय" के नारे के साथ संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों और स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "मुझे जैसे ही पता चला कि आप लोगों ने मेरे इस्तीफे के विरोध में अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए हैं, तो मैं खुद आपको धन्यवाद देने आया हूं." उन्होंने व्यापारियों से आग्रह किया कि वे अब अपने प्रतिष्ठान खोल दें और रोजमर्रा के कामकाज में लौट आएं.
अग्रवाल ने अपने समर्थकों से कहा कि हमें प्रदेश के विकास में योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा, "आपका गुस्सा कुछ हद तक जायज हो सकता है, लेकिन हमें इसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ना है. मैं ऋषिकेश भी जा रहा हूं, जहां कुछ लोग अभी नाराज हैं. मैं वहां भी लोगों से अपील करूंगा कि वे प्रदेश की तरक्की में योगदान दें."
प्रेमचंद के इस्तीफे से पहाड़ी समुदाय नाराज
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यह लोगों का प्यार ही है जो उन्हें आगे बढ़ाता है. उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से फिर वो दिन आएंगे जब हम आगे बढ़ेंगे. मैंने जब त्यागपत्र दिया, तब मेरे मन में केवल एक ही भाव था कि लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाए." उन्होंने दोहराया कि उत्तराखंड सभी का है और इसे एक खूबसूरत गुलदस्ते की तरह संजोकर रखना चाहिए
गौरतलब है कि बजट सत्र के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल के एक बयान ने राज्यभर में विवाद खड़ा कर दिया था. उनके बयान से पहाड़ी समुदाय के लोग नाराज हो गए और विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए. जैसे-जैसे प्रदर्शन बढ़ते गए, सरकार पर दबाव बढ़ता गया. विपक्ष ने भी प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की. अंततः रविवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अब प्रेमचंद अग्रवाल भले ही मंत्रिमंडल से बाहर हो चुके हों, लेकिन उनके समर्थक अब भी उनके पक्ष में खड़े हैं. देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह राजनीतिक घटनाक्रम क्या मोड़ लेता है.
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Source: IOCL





















