पीलीभीत के एक दर्जन गांवों में दहशत कायम करने वाली बाघिन पिंजरे में कैद, लोगों ने ली राहत की सांस
UP News: इस बाघिन ने पहली घटना 9 जून को अंजाम दी थी. 09 जून को मेवातपुर में मुकेश कुमार को मारा, 14 जुलाई को फुलहर में किसान दयाराम को मारा, 17 जुलाई को सहेजना और मंडरिया में सुबह सुबह हमला किया.

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के थाना न्यूरिया क्षेत्र के एक दर्जन गांव में बीते 8 दिन से दहशत कायम रखने बाली बाघिन को ट्रंकुलाइज कर पिजरे में बन्द कर लिया गया है.
बाघिन ने 14 और 17 जुलाई को दो ग्रामीणों को अपना निवाला बनाया था. फिलहाल अब दर्जनों ग्रामीण क्षेत्र इलाकों की हजारों की आबादी वाले लोगों ने राहत की सांस ली है.
चार साल की बाघिन को आज 11 घंटे के लंबे रेस्क्यू के बाद पिजरे में बन्द कर लिया गया है. पकड़ी गई बाघिन की पीलीभीत के न्यूरिया थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा गांव में चहल कदमी थी.
बाघिन ने पहली घटना 9 जून को अंजाम दी थी. 09 जून को मेवातपुर में मुकेश कुमार को मारा, 14 जुलाई को फुलहर में किसान दयाराम को मारा, 17 जुलाई को सहेजना और मंडरिया में सुबह सुबह हमला किया.
17 जुलाई को तीन लोगों पर किया हमला
इससे पहले सैजना गांव में मुन्नी देवी पर बाघ ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया, ये अब भी लखनऊ में एडमिट है. 3 घंटे बाद मंडरिया गांव पहुची थी. वहां इसमें पहले 17 साल के नीलेश को घायल किया, फिर उसके 15 मिनट बाद इसी गांव की कृष्णा देवी 55 साल को मार डाला था. 17 जुलाई को कुछ घंटों के अंदर 3 हमले की घटना के बाद डीएम, एसपी सहित जनप्रतिनिधियों को भी पहुंचना पड़ा.
इन घटनाओ के बाद से वन विभाग ने क्षेत्र में हाथी, ड्रोन और 20 ज्यादा टीमें लगाकर बाघ की तलाश शुरू की, जो गुरुवार की सुबह तक चली. बाघिन 7 दिन तक वन विभाग की पूरी टीम को चकमा देती रही,आज बाघिन को वन विभाग ने डांडिया गांव में गन्ने के खेत मे घेर लिया.
क्या बोले वन विभाग के अधिकारी?
डॉ दक्ष और कानपुर के डॉक्टर नासिर ने बाघिन को ट्रंकुलाइज कर पिजरे में बन्द कर लिया. बाघिन को पीलीभीत टाइगर रिज़र्व मुख्यालय लाया गया. पीलीभीत सामाजिक वानिकी की डीएफओ भरत कुमार डीके ने बताया बाघिन को पकड़ लिया गया है, अधिकारियो के आदेश के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा.
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Source: IOCL






















