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UP Election: कानपुर में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के मंसूबे पर फिरा पानी, क्या अखिलेश यादव को होगा फायदा?
UP Election 2022: कानपुर में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिम बहुल इलाके में 3 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया था, जिसमें से एक का पर्चा तो रद्द हो गया और एक अपना नामांकन ही नहीं कर पाया.
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UP Election 2022: कानपुर में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के मंसूबों पर पानी फिर गया है. ओवैसी ने यहां के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में 3 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया था, जिसमें से एक का पर्चा तो रद्द हो गया और एक उम्मीदवार समय से अपना नामांकन नहीं कर पाया. यानी अब इन तीन सीटों से सिर्फ छावनी सीट पर मोइनुद्दीन ही चुनाव लड़ पाएंगे. इसका सीधा फायदा समाजवादी पार्टी को हो सकता है.
AIMIM ने उतारे थे तीन उम्मीदवार
कानपुर महानगर की 10 सीटों में से 3 सीटों पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया था. इन तीनों सीटों पर उम्मीदवारों का एलान हुआ तो उस समय भी पार्टी कार्यकर्ताओं में बगावत देखने को मिली थी. सीसामऊ विधानसभा सीट से पार्टी ने पहले लकड़ी कारोबारी अलाउद्दीन को प्रत्याशी बनाया. लेकिन पार्टी में अंदरूनी हालात और बगावत की आशंका को देखते हुए उम्मीदवार बदला गया और महिला विंग की नेता रिया सिद्दीकी को प्रत्याशी बनाया गया.
एक प्रत्याशी का नामांकन हुआ रद्द
ओवैसी को उम्मीद थी मुस्लिम बहुल इलाके में उनकी पार्टी को बढ़त मिल सकती है, लेकिन इन तीन सीटों पर रचा गया उनका खेल परवान नहीं चढ़ पाया. रिया सिद्दीकी का पर्चा पार्टी द्वारा वक्त पर सिंबल न दिए जाने के चलते नहीं भरा जा सका. आर्य नगर विधानसभा से दिलदार गाजी ने नामांकन कराया था लेकिन उनका नामांकन रद्द कर दिया गया और उसका कारण प्रस्तावक की भाग संख्या गलत लिखा जाना बताया गया है.
छावनी सीट पर दिलचस्प हुई लड़ाई
ऐसे में अब केवल छावनी विधानसभा से मोइनुद्दीन ही AIMIM के प्रत्याशी होंगे. जहां लड़ाई काफी दिलचस्प बताई जा रही है. यहां बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं. कुछ यही हालत साल 2012 में भी बने थे जब करीब 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली ये सीट बीजेपी के पास चली गई थी. लेकिन बाकी दो सीटों पर सपा को फायदा हो सकता है. ओवैसी का उम्मीदवार हटने के बाद मुस्लिम एक बार फिर सपा की ओर अपना मन बना सकते हैं.
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