Digital Arrest: नोएडा में रिटायर्ड उपनिदेशक को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी, साइबर अपराधियों ने 1.70 करोड़ ठगे
Noida Digital Arrest Case: नोएडा के सेक्टर 62 स्थित एक सोसाइटी में रहने वाले ओमप्रकाश श्रीवास्तव को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ 70 लाख रुपये की ठगी की है.

नोएडा में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय से रिटायर्ड उपनिदेशक से ठगी का मामला सामने आया है. साइबर अपराधियों ने रिटायर्ड उपनिदेशक को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके 1.70 करोड़ रुपये की ठगी की. यह घटना नोएडा के सेक्टर 62 स्थित एक सोसाइटी में रहने वाले ओमप्रकाश श्रीवास्तव के साथ घटी, जिन्होंने 16 सितंबर को साइबर क्राइम पुलिस को इस मामले की सूचना दी.
पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम प्रीति यादव के अनुसार, ओमप्रकाश श्रीवास्तव को 9 सितंबर को एक फोन कॉल आई. फोन करने वाले व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनका नंबर, जो मुंबई से पंजीकृत था, लोगों को गाली गलौज कर परेशान कर रहा है. हालांकि, ओमप्रकाश ने स्पष्ट किया कि वह मुंबई कभी नहीं गए और उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है. इसके बावजूद उन्हें बताया गया कि एक केस दर्ज है और मुंबई पुलिस से बात करनी होगी.
मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर की ठगी
इसके बाद, ओमप्रकाश के फोन को कथित रूप से मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने उठाया. इस अधिकारी ने दावा किया कि ओमप्रकाश का नाम मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है और उन्हें इस मामले में मुंबई आकर पेश होना होगा. जब ओमप्रकाश ने अपनी तबियत का हवाला देते हुए मुंबई न जाने की बात कही, तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करने का विकल्प दिया गया.
झांसा देकर की 1.70 करोड़ की ठगी
आगे की जांच के दौरान, साइबर अपराधियों ने उन्हें झांसा देकर उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल की और कहा कि उन्हें वर्चुअल कोर्ट में पेश किया जाएगा. यहां एक व्यक्ति ने खुद को जज बताकर उनसे पूछताछ की और कहा कि जांच के दौरान एक करोड़ 70 लाख रुपये ट्रांसफर करने होंगे, जो बाद में उनकी जांच पूरी होने पर वापस कर दिए जाएंगे.
तीन दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्ट
अपराधियों ने ओमप्रकाश श्रीवास्तव को डिजिटल अरेस्ट कर तीन दिनों तक उनके ऊपर दबाव बनाए रखा और इस दौरान उन्होंने बुजुर्ग से यह भारी राशि ट्रांसफर करवा ली. मामले की जानकारी ओमप्रकाश के बेटे को हुई, जिन्होंने 16 सितंबर को साइबर क्राइम पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई. अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ठगी की रकम किन-किन खातों में ट्रांसफर की गई है.
साइबर अपराधियों के बढ़ते मामलों से सचेत रहने की जरूरत,यह घटना डिजिटल ठगी की बढ़ती घटनाओं का एक उदाहरण है, जिसमें अपराधी बुजुर्गों को निशाना बना रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में जनता को जागरूक रहना चाहिए और कोई भी संदिग्ध कॉल या मैसेज आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए.
Source: IOCL























