नोएडा में बढ़ते प्रदूषण पर प्राधिकरण सख्त, हटाई जाएंगी पुरानी गाड़ियां, EV और WFH पर जोर
UP News: नोएडा प्राधिकरण ने अपने सभी ऑफिस और फील्ड के वाहनों को EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) और हाइब्रिड मॉडल में बदलने का फैसला किया है. पुरानी गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा.

नोएडा में बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 लागू होने के बाद नोएडा प्राधिकरण एक्शन मोड में आ गया है. CEO ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. नोएडा प्राधिकरण CEO ने इसकी शुरुआत करते हुए अपने सभी ऑफिस और फील्ड के वाहनों को EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) और हाइब्रिड मॉडल में बदलने का फैसला किया है. पुरानी गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा.
नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कहा, "स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और आईटी कंपनियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. उनसे वर्क फ्रॉम होम (WFH) और छात्रों के लिए मेट्रो/लूप ड्राइव से आने का आग्रह किया गया है. GRAP-3 और 4 के मद्देनजर, कक्षा 5 तक की पढ़ाई ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि कक्षा 5 से ऊपर हाइब्रिड मॉडल में कक्षाएं चलाने का आग्रह किया गया है.
फैक्ट्रियों के दिए गए ये निर्देश
लोकेश एम सीईओ नोएडा ने बताया कि फैक्ट्रियों को DG सेट चलाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं यानी 70% गैस और 30% डीजल का मिश्रण अनिवार्य होगा. जिला प्रशासन की ओर से भी इस संबंध में पत्र जारी किए जा रहे हैं. प्राधिकरण ने सभी संस्थाओं को इन निर्देशों को लागू करने के लिए इस सप्ताह तक का समय दिया है. नियमों का उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्लांट से निकलने वाले धुएं से बढ़ी परेशानी
ग्रेटर नोएडा बढ़ते प्रदूषण की वजह से ग्रेप स्टेज 4 लागू किया गया है. रोक के बाद भी जिले में प्रदूषण फैलाने वाले आरएमसी प्लांट धड़ल्ले से चलाए जा रहे है. दादरी क्षेत्र के बील अकबरपुर गांव में आरएमसी प्लांट से निकलने वाले काले धुएं से बुजुर्ग और दिल के मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. आरोप है कि शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
आरएमसी प्लांट पर प्रतिबंध लगाने की मांग
लोगों ने ग्रेप स्टेज—4 लागू होने के बाद संचालित आरएमसी प्लांट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इस संबंध में मंगलवार को अधिवक्ता कपिल शर्मा ने जिलाधिकारी से शिकायत की है. कपिल शर्मा ने बताया कि दादरी तहसील के बील अकबरपुर गांव में जीटी रोड पर आबादी के पास यह प्लांट चलाया जा रहा है. भारी मात्रा में काले धुएं का उत्सर्जन होने से किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है. वहीं, ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. बुजुर्गों व अन्य को सांस की तकलीफ बढ़ रही है. वहीं, दिल के मरीजों का बुरा हाल है. कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.
अधिवक्ता कपिल शर्मा ने बताया कि आरएमसी प्लांट उनके घर के पास है. उनकी 90 वर्षीय दादी सरोज और 65 वर्षीय चाचा ऋषिदत्त शर्मा को परेशानी हो रही है. आरोप है कि इस प्लांट से निकलने वाले धुएं से उनकी तबीयत बिगड़ गई. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं. इतना ही नहीं प्लांट से निकलने वाले जहरीले धुएं की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया है. इसकी शिकायत जनसुनावाई पोर्टल पर भी की जा चुकी है. उन्होंने जिलाधिकारी से प्लांट को बंद कराने की मांग की है.
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Source: IOCL






















