उत्तराखंड में किसी भी नकल माफिया को बख्शा नहीं जाएगा- सीएम पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है, "क्या जो लोग सीबीआई की मांग कर रहे हैं, वह यह नहीं जानते कि सीबीआई जांच करने तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग जाती है

उत्तराखंड में कथित पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब सख्त रुख अपना लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी नकल माफिया को बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले में अभी तक चार सरकारी अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है.
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों को लेकर भी कहा है कि प्रदेश में राज्य सरकार ने पिछले 4 सालों में 25,000 से ज्यादा नौकरियां छात्रों को दी हैं और यह हम भरोसा दिलाते हैं कि प्रदेश में जितने भी खाली पद पड़े हैं, उनको भरा जाएगा. कथित पेपर लीक मामले को लेकर भी मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले में हमने विशेष जांच दल बनाया है, जो पूरे मामले की जांच कर रहा है, जिसका दायरा पूरे प्रदेश भर में फैला हुआ होगा. यह जांच दल प्रदेश में कहीं भी किसी से भी पूछताछ कर सकता है. जो भी इस पूरे प्रकरण में शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा.
वहीं, जांच पूरी होने तक इस पूरी भर्ती का रिजल्ट बाहर नहीं आएगा. इस परीक्षा का रिजल्ट जांच पूरी होने के बाद ही जारी किया जाएगा, तब तक रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है.
वही इस मामले में दो आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है, विपक्ष को भी मुख्यमंत्री ने आड़े हाथों लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है, "क्या जो लोग सीबीआई की मांग कर रहे हैं, वह यह नहीं जानते कि सीबीआई जांच करने तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग जाती है? क्या वे लोग छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करना चाहते हैं? हमने कहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ शक्ति से सख्त कार्रवाई की जाएगी." प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नकल विरोधी कानून बनाया है, जिसमें 10 साल तक की सजा और 10 करोड़ रुपए जुर्माना का प्रावधान है और किसी भी दोषी को बक्सा नहीं जाएगा. इस मामले में भी नकल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी सीधे तौर पर कहा है कि सीबीआई की मांग कर रहे लोग इस बात को नहीं समझ रहे हैं कि सीबीआई जांच अगर शुरू कर दी जाती है तो इस मामले की जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार की भर्ती पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी. जब तक कि जांच पूरी नहीं होगी, ऐसे में वह हजारों लाखों छात्र जो नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो जाएगा. महेंद्र भट्ट ने यह भी कहा कि आंदोलन कर रहे लोगों में अधिकांश वे लोग हैं जो राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं, पूर्व में विधानसभा, लोकसभा के चुनाव लड़ चुके हैं. क्या वे लोग छात्र हैं और सही में छात्रों के हित की बात कर रहे हैं?
हमारे लिए प्रदेश का युवा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. उसको नौकरी देने का कार्य हमारी सरकार ने किया. 4 सालों में 25000 नौकरियां दी गई हैं और आने वाले समय में जितने भी पद प्रदेश भर में खाली पड़े हैं, सब भरे जाएंगे. इस मामले में जितने भी दोषी हैं, उनमें से दो लोग जेल जा चुके हैं, चार लोगों को हमारी सरकार ने निलंबित कर दिया है.
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बता दें कि पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री का कहना है कि इसे पेपर लीक न कहा जाए, इसे एक नकल की कोशिश कहा जा सकता है जो कि नाकाम हो गई है. पेपर शुरू होने के लगभग 35 मिनट के बाद तीन पन्ने व्हाट्सएप के माध्यम से बाहर आए, तब तक सारे परीक्षार्थी अपने परीक्षा केंद्रों में बैठ चुके थे और परीक्षा शुरू हो चुकी थी. ऐसे में पेपर लीक होने जैसा कोई मामला नहीं है, फिर भी इस मामले को हम गंभीरता से ले रहे हैं. पूरे मामले में हमने विशेष जांच दल बनाया है जो कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में काम करेगा और जो भी इस पूरे मामले में दोषी हैं उनको सलाखों के पीछे भेजेगा और इस पूरे मामले की रिपोर्ट लगभग 1 महीने के अंदर राज्य सरकार को सौंप दी जाएगी. इसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.
महेश, पूरे मामले में प्रदेश सरकार ने युवाओं को भरोसा दिलाया है कि उनके साथ पूरी तरह से इंसाफ किया जाएगा. किसी भी तरह से ना इंसाफी नहीं होगी. युवाओं को इस बात का भरोसा रखना चाहिए कि प्रदेश सरकार युवाओं के हित में काम कर रही है. आने वाले समय में राज्य में और भी कई भर्तियां आने वाली हैं जिसमें युवाओं को प्रतिभाग करना है.
Source: IOCL























