'हम वंदे मातरम नहीं गा सकते, क्योंकि वह जमीन की पूजा है', सपा सांसद एसटी हसन का बयान
Moradabad News: डॉ एसटी हसन ने कहा कि पूजा उसी की की जाती है जिसने इंसान को पैदा किया है, जो सबका मालिक है. हम वंदे मातरम नहीं गा सकते क्योंकि वह जमीन की पूजा है.

‘वंदे मातरम' के 150वें वर्षगांठ के मौके पर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रहे डॉ. एसटी हसन ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मुसलमान अपनी मातृभूमि के लिए जान, खून और तन-मन-धन कुर्बान कर सकते हैं, लेकिन गाने को 'पूजा' मानते हुए इसे नहीं गा सकते. डॉ हसन ने वंदे मातरम को 'जमीन की पूजा' बताते हुए कहा कि मुसलमान सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं, न कि किसी अन्य चीज की.
बता दें कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो गए हैं. इससे पहले इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में वर्ष भर चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन किया.
हम मातृभूमि के जान दे सकते हैं, पूजा नहीं कर सकते- पूर्व सांसद
डॉ एसटी हसन ने वन्दे मातरम राष्ट्रगीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम अपनी मातृभूमि, अपनी जन्मभूमि के लिए अपनी जान, अपना खून दे सकते हैं. सारे सेक्रिफाइस कर सकते हैं, तन-मन-धन सेक्रिफाइस कर सकते हैं, लेकिन पूजा हम नहीं कर सकते. पूजा उसी की की जाती है जिसने इंसान को पैदा किया है, जो सबका मालिक है, खालिक है और पालनहार है. इसलिए हम वंदे मातरम नहीं गा सकते, क्योंकि वो जमीन की पूजा है.
ये 100 साल से चली आ रही कंट्रोवर्सी है- एसटी हसन
डॉ हसन ने आगे कहा कि ये 100 साल से चली आ रही कंट्रोवर्सी है. लेकिन ये इस वक्त उठाने की क्या जरूरत थी जब बिहार का इलेक्शन है? आप समझ सकते हैं कि हिंदू-मुस्लिम की ये सियासत कौन कर रहा है? लेकिन अब तो इन सब चीजों से बाज आ जाएं. मुसलमान सिवाए अपने अल्लाह के किसी की इबादत नहीं कर सकता.
पूर्व सांसद ने कहा, "मैं अल्लाह कहता हूं, आप ॐ कहते हैं, ईश्वर कहते हैं, कोई गॉड कहता है, कोई वाहेगुरु. हम सब उसकी इबादत करते हैं. बाकी दुनिया की किसी चीज की इबादत हम नहीं कर सकते."
इंसान अशरफुल मखलूकात है- पूर्व सांसद
डॉ एसटी हसन ने कहा, "हमारी मायथोलॉजी कहती है कि इंसान अशरफुल मखलूकात है. दुनिया में जो भी चीजें बनाई गई हैं- हवा, पानी, पेड़-पौधे, जानवर, दरियां. ये इंसान की जिंदगी को आसेट करने के लिए बनाई गई हैं, न कि इंसान इनके लिए. हम किसी भी ऐसी चीज की पूजा नहीं कर सकते, सिर्फ अपने पैदा करने वाले की पूजा कर सकते हैं, जो सभी मजहब के लोग भी करते हैं."
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Source: IOCL























