केदारनाथ हाईवे जवारी बाईपास पर भूस्खलन: यातायात ठप, मलबा हटाने में 4-5 दिन लगने की संभावना
Dehradun News:मलबे ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया है, और इसे हटाने में 4 से 5 दिन लग सकते हैं. मलबे के कारण सड़क को नुकसान पहुंचने की भी आशंका है, जिससे मरम्मत कार्य में और समय लग सकता है.

उत्तराखंड में केदारनाथ हाईवे के जवारी बाईपास पर शनिवार शाम करीब 7 बजे हुए भीषण भूस्खलन ने यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया है. राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड, रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता ओमकार पांडे ने बताया कि भारी बारिश के कारण पहाड़ी से हजारों टन मलबा सड़क पर आ गिरा, जो लगभग 15-20 फीट ऊंचा और 20-25 मीटर तक फैला है.
इस मलबे ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया है, और इसे हटाने में 4 से 5 दिन लग सकते हैं. मलबे के कारण सड़क को नुकसान पहुंचने की भी आशंका है, जिससे मरम्मत कार्य में और समय लग सकता है.
मलबा हटाने में मौसम बना बाधा
बता दें कि जवारी बाईपास ऋषिकेश-बद्रीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे को जोड़ता है, चारधाम यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है. इस मार्ग के बंद होने से यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि घटना के समय कोई हताहत नहीं हुआ, जो राहत की बात है. उन्होंने कहा कि मलबा इतना अधिक है कि यह सड़क पर एक ताल की तरह जमा हो गया है. मलबे को हटाने के लिए एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग की टीमें जुट गई हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश और खराब मौसम कार्य में बाधा डाल रहे हैं.
वहीं उत्तराखंड में इस समय भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हैं, पहाड़ी क्षेत्रों में दरक रही चट्टानें और मलबा सड़कों पर जमा हो रहा है, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. जवारी बाईपास पर यातायात को रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार की ओर डायवर्ट किया गया है, लेकिन भारी वाहनों पर पूरी तरह रोक है. इससे चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी असुविधा हो रही है.
वैकल्पिक मार्गों की सलाह
अधिकारियों ने बताया कि मलबा हटाने के लिए भारी मशीनें और गोताखोरों की मदद ली जा रही है. हालांकि मौसम की अनिश्चितता के कारण कार्य की गति धीमी है. स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने और यात्रा से पहले सड़क की स्थिति की जानकारी लेने की सलाह दी है. उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन का सिलसिला जारी रहने से सड़कों को खोलने में और चुनौतियां आ रही हैं.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















