कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का असली नाम क्या? भागवत कथा के लिए लेते हैं लाखों की फीस
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य सुर्खियों में बने रहते हैं. कभी विवादित बयानों के चलते तो कभी अदालती मामलों में. अब मथुरा की एक अदालत ने उनके खिलाफ परिवाद दाखिल करने का आदेश दिया है.

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर मुश्किलों में फंस गए हैं. उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा की एक अदालत ने उनके खिलाफ परिवाद दाखिल करने के आदेश दिए हैं. मथुरा में हिंदू महासभा की अध्यक्ष मीरा राठौर की याचिका पर यह आदेश दिया है.
आइए आपको बताते हैं विवादों में रहने वाले कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के बारे में-
विवादों वाले कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का असली नाम अनिरुद्ध तिवारी है. मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के निवासी अनिरुद्धाचार्य के पिता राम नरेश तिवारी मंदिर के पुजारी थे. अनिरुद्धाचार्य स्कूली शिक्षा पूरी होने से पहले वृंदावन चले गए. उन्होंने वृंदावन में वेद, पुराण और शास्त्रों का अध्ययन किया. वह वृंदावन के गौरी गोपाल आश्रम के संस्थापक भी हैं. भागवत कथा के लिए 1 दिन में ₹1-3 लाख रुपये तक की फीस लेते हैं.
अनिरुद्धाचार्य की पहचान सिर्फ उनके विवादित बोल ही नहीं बल्कि लंबे घुंघराले बाल, माथे पर चंदन का लेप भी हैं.
अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान
अनिरुद्धाचार्य ने अलग-अलग मौकों और कथाओं में कई विवादित बयान दिए हैं. एक कथा में उन्होंने कहा था कि 25 साल की लड़कियां 4 जगह मुंह मारती हैं.
एक अन्य मौके पर उन्होंने बाल विवाह का पक्ष लेते हुए 14 साल की उम्र में लड़कियों की शादी का समर्थन किया. इतना ही नहीं अनिरुद्धाचार्य ने लिव-इन में रहने वाली लड़कियों की तुलना वैश्या से की. उन्होंने यह भी कहा था कि लड़की की जवानी कहीं-न-कहीं फिसल जाएगी. एक कथा के दौरान कथावाचक ने कहा था कि महिलाएं इसलिए सिर ढकें ताकि पुरुष आकर्षित न हों. श्रद्धा वॉकर के मामले का जिक्र करते हुए कथावाचक ने कहा था कि जिन लड़कियों को सही संस्कार नहीं मिलता उनके टुकड़े होते हैं. उन्होंने कहा था कि जरूरत से ज्यादा सुंदर होना स्त्री का दोष है. उन्होंने कहा था कि शादी से पहले ब्रह्मचर्य रखने वाले माता-पिता के बच्चे मजबूत होते हैं.
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लिव इन के मामले पर भी बाबा के विवादित बोल सामने आए थे. उन्होंने कहा था कि लिव इन में रहने वाले कुत्ते बिल्ली जैसे हैं. और इसका सपोर्ट करने वाले सनातन के गद्दार हैं
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