Hathras stampede: समय आने पर हर किसी को जाना होता है... ये लीला है... बाबा के सेवादार ने ABP न्यूज़ से कहा
Hathras में सत्संग के दौरान मची भगदड़ के बाद बाबा नाराय़ण साकार हरि के सेवादार ने एबीपी न्यूज़ से चौंकाने वाली बात कही है. बाबा के सेवादार ने हादसे को लीला बताई है.

Hathras Satsang Stampede: यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है. जिसके बाद न जाने कितने घर उजड़ गए हैं और कितनों के अपनों की जान चली गई है लेकिन, इतने बड़े हादसे के बाद भी बाबा के सेवादारों को इसका कोई दुख नहीं है. वो तो इसे परमात्मा की मर्जी बता रहे हैं.
एबीपी न्यूज संवाददाता ने जब कासगंज के गांव बहादुर नगर पटियाली में स्थित बाबा के आश्रम के सामने खड़े एक सेवादार से इस हादसे को लेकर जब सवाल किया तो उसने बेहद चौंकाने वाला जवाब दिया. बाबा नारायण साकार हरि के सेवादारों को कोई दुःख नहीं है. बाबा के एक सेवादार ने इस हादसे पर बात करते हुए कुछ ऐसा कहा जिसे पढ़कर आपका दुःख और क्षोभ बढ़ जाएगा.
हादसे पर बाबा के सेवादार का संवेदनहीन बयान
बाबा के सेवादार ने कहा कि जिसका जब समय आता है उसको जाना होता है. यह लीला है. जो आया है उसे जाना ही है. वहीं जब उससे ये पूछा गया कि तो क्या कोई भी इस तरह भगदड़ में मर जाएगा. क्या इसकी किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी तो इस पर उसने कुछ नहीं कहा.
कासगंज में बाबा का जो आश्रम बना है उसे वो बेहद भव्य और रहस्यमयी है. इस आश्रम में हर कोई नहीं जा सकता है. सेवादारों का कहना है कि यहां वहीं आता है जिसे ब्रह्मलोक की प्राप्ति हो चुकी है. आश्रम कई बीघा ज़मीन पर बना हुआ है. जिसके अंदर खेती भी की जाती है.
बाबा के आश्रम की दीवारें किसी किले की तरह बहुत ऊंची-ऊंची बनी हुई है और छत लाल रंग की है. आश्रम का मुख्य दरवाजा बहुत बड़ा है जो सोने के रंग के जैसे पेंट से रंगा हुआ है. यही नहीं मुख्य द्वार के सामने एक चौड़ी सी लाल रंग की रेखा खींची गई है. इस रेखा के पीछे रहकर ही सेवादारों से बात की जा सकती है.
आपको बता दें कि हाथरस हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें ज़्यादातर महिलाएं शामिल हैं.
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