महाकुंभ हादसा: भगदड़ में पत्नी-सास का हाथ छूटा, शवों के साथ वापस लौटे बृजमोहन, गांव में मातम
UP News: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमवस्या के दिन मची भगदड़ में गोरखपुर के निवासी बृजमोहन की पत्नी और सास की भी मौत हो गई. दोनों की लाश गांव वापस लौटने पर घर परिवार में मातम का माहौल छा गया है.

Gorakhpur News: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन नहाने गए यूपी के गोरखपुर में उनवल, कैम्पियरगंज और झंगहा के चार लोगों की मौत का गम कम भी नहीं हुआ था कि इसके बाद ही पत्नी और सास के साथ लौटे बृजमोहन की कहानी सुनकर गोरखपुर के लोगों का जख्म और हरा हो गया. मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में पत्नी और सास के साथ नहाने गए गोरखपुर के बृजमोहन का घाट से लौटते समय भगदड़ में पत्नी और सास का हाथ छूट गया और जब वे गिरकर संभले, तो दोनों की लाश के साथ गांव वापस लौटना पड़ा. ऐसा ही दर्द महाकुंभ हादसे में अपनों को खोने वाले लोगों का भी है.
गोरखपुर-बस्ती मंडल में ढाई से तीन दर्जन से अधिक लोगों के लापता होने और मौत की खबर के बीच अपनों को खोने वाले लोगों का गम कम होने का नाम नहीं ले रहा है. गोरखपुर के चार लोगों की हादसे में मौत की खबर के बाद एक बार फिर यहां के लोगों का जख्म हरा हो गया है. गोरखपुर के चौरीचौरा थानाक्षेत्र के भाऊपुर गांव के रहने वाले बृजमोहन पत्नी लाली देवी (45 वर्ष) और देवरिया के पोखरभिंडा गांव की रहने वाली सास सुनकेशी देवी (60 वर्ष) पत्नी ठाकुर कुशवाहा की भी महाकुंभ हादसे में मौत हो गई.
लाली देवी का शव एम्बुलेंस के जरिए पहुंचा गांव
प्रयागराज से एम्बुलेंस से लाली देवी का शव उनके गांव भाऊपुर पहुंचा, तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई. प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ हादसे की शिकार हुई लाली देवी का पार्थिव शरीर भाऊपुर पहुंचने की सूचना मिलते ही चौरीचौरा विधायक ई. सरवन निषाद और चौरीचौरा नगर पंचायत अध्यक्ष सन्नी जायसवाल मौके पर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर हादसे की जानकारी ली और अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार को ढाढ़स बंधाया.
बृजमोहन पत्नी लाली देवी, सास सुनकेशी देवी व गांव की दो अन्य महिलाओं के साथ चौरीचौरा रेलवे स्टेशन से कुंभ के लिए हंसी-खुशी रवाना हुए थे. उन्हें ये नहीं पता था कि हंसते-मुस्कुराते वे 144 वर्षों बाद आए सुखद संयोग में जिस मौनी अमावस्या के दिन स्नान के लिए कुंभ जा रहे हैं, वहां से पत्नी लाली देवी और सास सुनकेशी देवी की लाश के साथ वापस लौटेंगे.
बृजमोहन ने प्रशासन को दोषी ठहराया
बृजमोहन बताते हैं कि वे लोग नहाकर वापस लौट रहे थे. इसके पहले वे लोग रात 12 बजे सोए हुए थे. नहाकर लौटते समय लाखों की भीड़ के बीच भगदड़ मच गई. वे पत्नी और सास का हाथ पकड़कर घाट से लौट रहे थे. भगदड़ में दोनों का हाथ छूट गया और वे भी गिर गए. लोग उनके ऊपर से होकर भागने लगे. जब वे संभले, तो सामने पत्नी और सास की लाश पड़ी थी.
वे कहते हैं कि अधिक भीड़ की वजह से हादसा हुआ है. उन्होंने पत्नी और सास को खो दिया है. प्रशासन को दोषी ठहराते हुए वे कहते हैं कि प्रशासन भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई. वे कहते हैं कि उनके नसीब में यही लिखा था. अब वे किसे दोषी ठहराएं. उनके सामने ही एक दरोगा की भी मौत हो गई. वे लोग असहाय ये सब देखते रहे. पूरा रास्ता ब्लॉक कर दिया गया था. एक रास्ता खोला गया था.
मौत की खबर से गांव में फैला मातम
बृजमोहन की सास सुनकेशी देवी के शव को उनके ससुराल देवरिया भेज दिया गया. तो वहीं उनकी पत्नी लाली देवी की मौत की खबर से पूरे गांव में मातम का माहौल व्याप्त हो गया. बृजमोहन और लाली देवी का भरा-पूरा परिवार है. उनके दो लड़के 18 वर्षीय अविनाश, 15 वर्षीय दीपक और एक लड़की रोशनी है. रोशनी की शादी हो गई है. जबकि दोनों बेटों की शादी नहीं हुई है. बृजमोहन ने बताया कि गांव की सुभावती देवी पत्नी मकाऊ लाल मौर्या की हालत काफी गंभीर है और उनका प्रयागराज के अस्पताल में इलाज चल रहा है.
इसके पहले गोरखपुर के खजनी क्षेत्र के उनवल नगर पंचायत के वार्ड नंबर चार के रहने वाले 58 वर्षीय पन्ने निषाद, उनकी पड़ोसी 61 वर्षीय नगीना देवी, कैम्पियरगंज के रामनगर केवटलिया के नेतवर पाण्डेय के रहने वाले 60 वर्षीय वशिष्ठ मुनि पाण्डेय और झंगहा थानाक्षेत्र के ग्राम बकसुडी के रहने वाले 59 वर्षीय प्रभुनाथ गुप्ता की हादसे में मौत हो गई थी. उनके शव को 30 जनवरी को गोरखपुर लेकर पहुंचे परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया.
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Source: IOCL























