Ghazipur News: अब्दुल हमीद की शहादत दिवस सेना सहित सांसद ने दी श्रद्धांजलि, अफजाल अंसारी अग्निवीर भर्ती पर ये कहा
UP News: परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद जिसका आज 10 सितंबर शनिवार को 57वां शहादत दिवस उनके पैतृक गांव धामपुर के शहीद पार्क में मनाया गया.

Abdul Hameed Martyrdom: परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद (Abdul Hameed) जिसका आज 10 सितंबर शनिवार को 57वां शहादत दिवस उनके पैतृक गांव धामपुर के शहीद पार्क में मनाया गया. जहां पर सेना के मेजर जनरल जेएस बैंसला के द्वारा वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया. इसके साथ ही सेना के अन्य जवानों के द्वारा भी शहीद के सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित किया गया. इस दौरान गाजीपुर (Ghazipur) के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari ) ने भी अपने वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित की.
मेजर जनरल ने ये कहा
श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात मेजर जनरल जेएस बैंसला ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 1965 की जंग में खेमकरण सेक्टर में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है. वहीं युवाओं को संदेश देते हुए कहा है कि जो वीर होते हैं वो अपने कर्म को ही धर्म मानते हैं और अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकाते हैं. उन्होंने कहा कि यह हम सब लोगों के लिए मोटिवेशन की बात है. हम सभी को इसका एग्जांपल लेना चाहिए.
इस दौरान गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने मंच से बोलते हुए कहा कि सेना के द्वारा जो अग्निवीर योजना लाई गई है उससे हमारे जनपद के युवाओं में मायूसी हुई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह फैसला सेना का नहीं बल्कि सरकार का है. इस फैसले को लेकर बहुत सारे लोग सड़कों पर आ गए जिसको लेकर बुद्धिजीवी उन्हें समझाया कि इसका कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि 4 साल के लिए ही सही वतन पर मर मिटने के लिए गाजीपुर के वीर जवान आज सड़कों पर दौड़ रहे हैं और मेहनत कर रहे हैं. 4 साल तो तैयारी में लग जाता है.
सांसद ने अग्निवीर भर्ती पर साधा निशाना
सांसद ने कहा कि परिवार के लोग इसके लिए अपने बेटे को तैयार करते हैं. अपने गाय, भैंस का दूध भी इन्हें दे देते हैं इस उम्मीद पर कि वह देश की सेवा में जाएगा तो उनका नाम रोशन करेगा लेकिन उन लोगों में मायूसी है. ऐसे लोगों को हमने समझाया है. इस दौरान उन्होंने कमेंट करते हुए कहा अग्निवीर कल कहीं अध्यापक वीर भी ना हो जाए. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज अग्निवीर कल अध्यापक वीर और उसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी यही व्यवस्था लागू हुई तो आगे क्या होगा.
इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले सेना की भर्ती के लिए गाजीपुर में कैंप लगता था लेकिन कई सालों से बंद है जिसको लेकर युवाओं में मायूसी है. ऐसे में उन्होंने कहा अग्निवीर ही सही लेकिन कहीं भी भर्ती के लिए दरवाजा खोला जाए तो वह दरवाजा गाजीपुर से खोला जाए. इस दौरान उन्होंने कहा कि गाजीपुर के युवा चाइना के सिपाहियों को माकूल जवाब देने का काम करेंगे.
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