हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अफजाल अंसारी बोले- 'समाज विरोधियों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया'
Ghazipur News: इलाहाबाद हाईकोर्ट से सजा रद्द होने के बाद गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि मेरे माथे पर जो काला टीका लगाने का प्रयास किया गया था वो आज धुल गया है.

Afzal Ansari Reaction: गाजीपुर से समाजवादी पार्टी सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की सजा को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया है. अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 29 नवंबर 2023 को गैंगेस्टर के एक मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी. मामला बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ा था.
29 नवंबर 2005 को तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर कर दी गयी थी, जिसमें अफजाल अंसारी भी आरोपी थे. अफजाल अंसारी इस हत्याकांड में बरी हो गये थे लेकिन उनके ऊपर गैंगेस्टर के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से 4 साल की सजा हुई थी.
अफजाल अंसारी ने मीडिया से बात की और कहा कि मेरे माथे पर काला टीका लगाने का जो प्रयास किया गया था वो आज धुल गया है. संसद की कार्रवाई में भाग लेने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मुझे कल भी नहीं रोका गया था लेकिन मैंने फैसला किया था कि फैसला आने के बाद सत्र में भाग लूंगा और आज दिल्ली निकल रहा हूं. उन्होंने कहा कि समाजविरोधी लोगों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया था. 29 अप्रैल 2023 की निचली अदालत के फैसले के बाद अपने षड्यंत्र में उनको सफलता मिली. आज हमें राहत नहीं मिली है बल्कि इंसाफ मिला है. सजा को रद्द किया गया है. गाजीपुर कोर्ट का आदेश गलत था दोषपूर्ण था इसलिए रद्द कर दिया गया.
"मुझे शपथ लेने से रोका गया था"
एक सवाल के जवाब में अफजाल अंसारी ने कहा कि पूरे चुनाव के दौरान गाजीपुर को जनता को गुमराह किया गया कि अफजाल अंसारी का टिकट सपा काट देगी. इन सब कठिनाइयों को सपा के कार्यकर्ताओं और गाजीपुर की जनता ने झेला. बहुत लोग गुमराह हुए लेकिन इस अनुपात में नहीं हुए की लोकसभा का परिणाम बदल सकें. चार जून की मतगणना के बाद मैं भारत का वह बदनसीब सांसद हूं जिसे सदन में शपथ लेने से रोका गया.
उन्होंने कहा कि वो लोकसभा स्पीकर का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने सारी बात को समझा और उनको शपथ दिलायी. उन्होंने कहा कि अफजाल अंसारी का दामन कल भी साफ था और आज भी साफ है. आज के फैसले से सभी गरीबो का चेहरा खिला है जो निचली अदालत के फैसले से डरे थे. आज सावन के पवित्र महीने में दूसरे सोमवार को फैसला आया है.अफजाल अंसारी के साथ सभी समाज की दुआ थी. भोलेनाथ के दरबार मे जल चढ़ाने वालों ने चिल्ला-चिल्ला कर उनके लिये प्रार्थना की है जो आज कबूल हुई है.
(गाजीपुर से आशुतोष त्रिपाठी की रिपोर्ट)
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