गंगोत्री में भीषण ठंड से जमे नदी-नाले, स्नो लेपर्ड निगरानी के लिए वन विभाग ने लगाए ट्रैप कैमरे
Dehradun News: वन विभाग ने शीतकाल के दौरान अवैध शिकार पर रोक लगाने और दुर्लभ वन्यजीवों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए पार्क क्षेत्र में करीब 50 ट्रैप कैमरे स्थापित किए हैं.

उत्तराखंड के गंगोत्री नेशनल पार्क में तापमान शून्य से नीचे पहुंचने के साथ ही कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है. अत्यधिक ठंड के कारण गंगोत्री धाम समेत गोमुख और नेलांग घाटी के नदी-नाले तथा झरने पूरी तरह जम चुके हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्र में पानी जम जाने के चलते स्थानीय कर्मचारी बर्फ को आग पर पिघलाकर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं.
इन कठिन परिस्थितियों के बीच वन विभाग ने शीतकाल के दौरान अवैध शिकार पर रोक लगाने और दुर्लभ वन्यजीवों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए पार्क क्षेत्र में करीब 50 ट्रैप कैमरे स्थापित किए हैं. ये कैमरे गोमुख क्षेत्र, केदारताल ट्रैक रूट, नेलांग घाटी तथा समुद्रतल से 10 से 13 हजार फीट ऊंचाई वाले इलाकों में लगाए गए हैं.
गंगोत्री में शुन्य से नीचे पारा
कनखू बैरियर के इंचार्ज वन दरोगा राजवीर रावत के अनुसार, गंगोत्री धाम क्षेत्र में तापमान लगातार शून्य से नीचे दर्ज हो रहा है. उन्होंने बताया कि कठोर ठंड के चलते नदी-नाले जम गए हैं, जिससे विभागीय टीमों को दैनिक कार्यों में भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद कर्मचारी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुंचकर ट्रैप कैमरे सफलतापूर्वक स्थापित कर चुके हैं.
शिकार रोकने के लिए लगे कैमरे
ये ट्रैप कैमरे स्नो लेपर्ड, कस्तूरी मृग, भरल, भूरा भालू जैसे दुर्लभ वन्यजीवों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करते हैं. साथ ही बर्फबारी के दौरान होने वाली अवैध शिकार गतिविधियों पर निगरानी में भी ये तकनीक कारगर साबित हो रही है. प्राप्त फुटेज से वन्यजीवों की जनसंख्या का आकलन और उनके आवागमन के पैटर्न का विश्लेषण करना विभाग के लिए आसान हो जाता है.
वन विभाग का कहना है कि शीतकाल के दौरान इस निगरानी से न केवल पार्क की जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी. यही नहीं अगर कोई अभी अप्रत्याशित गतिविधि होगी उस पर भी नजर रहेगी.
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Source: IOCL






















