पूर्व सांसदों को एक हफ्ते में सरकारी बंगले खाली करने का आदेश
पूर्व सांसदों को अब बंगले का मोह छोड़ना होगा। लोकसभा की आवास समिति ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। लुटियन्स दिल्ली में करीब 200 से ज्यादा ऐसे सांसद हैं जो इन बंगलों में जमे बैठे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक दिन पहले खबर दी थी कि लोकसभा के 200 से ज्यादा पूर्व सदस्यों ने अब तक अपने सरकारी बंगले खाली नहीं किए हैं। इसके बाद यह घटनाक्रम हुआ है। पाटिल ने एजेंसी से कहा, ‘‘ आवास समिति की आज हुई बैठक में, फैसला लिया गया है कि तीन दिन के अंदर ऐसे बंगलों के बिजली, जल और गैस कनेक्शनों को काट दिया जाएगा और पूर्व सांसदों से एक हफ्ते के अंदर आवासों को खाली करने को कहा गया है।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी पूर्व सांसद ने यह नहीं कहा है कि वह अपना बंगला खाली नहीं करेंगे। नियमों के अनुसार पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपने-अपने बंगलों को खाली करना होता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर 16वीं लोकसभा को 25 मई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। पीटीआई को सरकारी सूत्रों ने बताया कि, ‘‘लोकसभा के ने200 से अधिक पूर्व सांसदों ने अब तक अपने सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है। इन पूर्व सांसदों को 2014 में ये बंगले आवंटित किये गये थे।’’ इस वजह से नव निर्वाचित सांसद अस्थायी अवासों में रह रहे हैं।
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नयी दिल्ली, एजेंसी। लोकसभा की एक समिति ने लुटियंस दिल्ली में सरकारी बंगलों में कार्यकाल खत्म होने के बाद भी रह रहे पूर्व सांसदों को एक हफ्ते में आवास खाली करने का निर्देश दिया है। लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि समिति ने सोमवार को बैठक की थी जिसमें फैसला हुआ कि तीन दिनों में पूर्व सांसदों के सरकारी आवासों के बिजली, जल और गैस के कनेक्शन काट दिए जाएंगे।