फिरोजाबाद में डीएपी खाद की किल्लत से किसान परेशान, सुबह से शाम तक लग रही है लाइन
UP News: किसान बताते हैं कि मिर्च और आलू की अधिकतम पैदावार के लिए एक एकड़ पर चार बोरी की आवश्यकता होती है. तब जाकर मिर्च और आलू की फसल की पैदावार 35 से 80 क्विंटल प्रति बीघा हो पाती है.

फिरोजाबाद में डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में न मिलने के कारण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी किसान समितियों पर किसान सुबह से लेकर शाम तक अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक एक एकड़ अर्थात 5 बीघा पर एक बोरी डीएपी और एक बोरी यूरिया किसान समितियां से किसानों को उनकी खतौनी और आधार कार्ड के आधार पर आवंटित की जाएगी. किसान भारत सरकार की नीति को खुले तौर पर गलत बता रहे हैं.
फिरोजाबाद जनपद के टूंडला तहसील फिरोजाबाद सदर तहसील और शिकोहाबाद तहसील के बड़े भूभाग पर आलू की खेती बड़ी तादाद में की जाती है. इसके अलावा जनपद के नारखी और टूंडला ब्लॉक में मिर्च की खेती भी बड़ी तादाद में की जाती है. किसानों के मुताबिक सरकार द्वारा जो शासनादेश जारी किया गया है जिला प्रशासन जी शासनादेश को लागू कर रहा है वह मिर्च और आलू के किसानों की मांग के अनुकूल नहीं है. दरअसल मिर्च और आलू उद्यानिक फैसले हैं इन फसलों को अच्छी तादाद में उर्वरक की जरूरत होती है.
किसान बताते हैं कि मिर्च और आलू की अधिकतम पैदावार के लिए एक एकड़ पर चार बोरी की आवश्यकता होती है. तब जाकर मिर्च और आलू की फसल की पैदावार 35 से 80 क्विंटल प्रति बीघा हो पाती है. जबकि धन और गेहूं की फसलों के लिए यूरिया और डीएपी की जो गाइडलाइन सरकार की ओर से तय की गई है. वह अनुकूल है धन और गेहूं प्रति बीघा के हिसाब से 5 और 6 क्विंटल के रेशों पर पैदा होते हैं जो की एक एकड़ पर एक बोरी पर्याप्त है लेकिन इसके विपरीत मिर्च और आलू की फसलों के लिए यूरिया और डीएपी की जरूरत चार गुना अधिक होती है.
पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिला तो फसल होगी बर्बाद- किसान
अपनी जरूरत के अनुसार किसानों को खाद न मिल पाने के कारण किस दिन भर सरकारी किस समितियां और प्राइवेट वेंडर्स के चक्कर लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिलेगी तो उनके फैसले पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाएगी अगर उत्पादन काम होता है तो किसानों को बड़ा घाटा होगा.
किसानों का दावा है कि अगर सरकार द्वारा दी जा रही डीएपी और यूरिया के मानक के अनुसार अगर आलू और मिर्च की खेती में यूरिया डीएपी नहीं लगाई जाएगी तो उन्हें इन फसलों में बड़ा नुकसान होगा. वहीं जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस में कहा गया है कि मिट्टी की जांच कराई जाए और उत्पादन क्षमता सामने आने के बाद ही उसमें भारत सरकार के नियमों के मुताबिक डीएपी और यूरिया का इस्तेमाल किया जाए .
जिले में खाद की कोई कमी नहीं है- जिलाधिकारी रमेश रंजन
फिरोजाबाद के जिला अधिकारी रमेश रंजन ने शासन और जिला प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. पर्याप्त मात्रा में खाद किसानों को दी जा रही है लेकिन कुछ किसान जरूर से ज्यादा उर्वरक का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे किसानों की पूर्ति करना फिलहाल संभव नहीं है लेकिन, शासन की गाइडलाइंस के मुताबिक ही किसानों को डीएपी और यूरिया प्रदान की जा रही है.
यूरिया और डीएपी ना मिलने के कारण किसान परेशान
किसान समितियां पर किसानों की लंबी-लंबी लाइन लगी है. यूरिया और डीएपी ना मिलने के कारण किसान परेशान है किसने की समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी की फिरोजाबाद यूनिट ने भी जिला मुख्यालय पर पहुंच कर प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि सरकार आम जनता के किसी भी बुनियादी जरूर को पूरा नहीं कर पा रही है किसान जो कि अन्नदाता है वह भी इस सरकार से परेशान है .
Source: IOCL





















