रायबरेली: किसानों ने लगाया आरोप, एमएसपी से कम मूल्य पर खरीदा जा रहा है धान
कुछ दिन पहले रायबरेली के जिलाधिकारी ने धान क्रय केंद्र पर अधिकारियों को फटकार लगाई थी कि किसानों का धान निर्धारित मूल्य पर लिया जाये और किसी के साथ कुछ गलत न हो.लेकिन अब किसानों ने एक बार फिर गंभीर आरोप लगाये हैं.

रायबरेली: जहां एक तरफ सरकार किसानों के हित की बात कर रही है और किसानों को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने का निर्देश दिया है. वहीं, रायबरेली में किसानों का गुस्सा जमकर फूटा. एमएसपी से कम दामों पर हो रही धान खरीद को लेकर किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया और निर्धारित अखिल भारतीय किसान महासंघ जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए मांग उठाई. हालांकि जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने धान खरीद को लेकर पहले भी मातहतों को फटकार चुके हैं और किसानों को किसी भी तरह की समस्याएं न हो , निर्देशित कर चुके हैं.
कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी
अखिल भारतीय किसान महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. किसानों ने आरोप लगाया कि किसानों का धान सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीदा जा रहा है. सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 18.65 रुपये निर्धारित किया है, जबकि गांव में पहुंच रहे व्यापारी किसानों का धान खरीद 10 रुपये में खरीद रहे हैं. किसानों ने जिला प्रशासन से मांग उठाई कि सहकारी समितियों पर धान क्रय करने का आदेश दिया जाए. अधिकतम दूरी पर जो धान क्रय केंद्र है, उससे किसानों को काफी समस्याएं हो रही हैं. अगर कम दूरी पर और सहकारी समितियों में भी धान क्रय केंद्र खोल दिए जाएं तो किसानों को समस्याएं नहीं होंगी. इस तरह की ढेरों समस्याओं को लेकर किसान अखिल भारतीय किसान महासंघ ने जमकर नारेबाजी की व अपनी मांग ना मानने के एवज में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी.
अखिल भारतीय महासंघ के पदाधिकारियों ने नगर मजिस्ट्रेट युगराज सिंह को ज्ञापन देकर किसानों की समस्याओं का तत्काल निराकरण करने की मांग उठाई. जिला प्रशासन ने भी किसानों को उनकी समस्याओं के समाधान हेतु आश्वासन दिया.
जब डीएम हुये थे सख्त
धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने निर्देश दिया था कि किसानों को किसी तरह की असुविधा ना होने पाए और तत्काल किसानों के धान सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदकर उन्हें सम्मान सहित वापस किया जाए. जिलाधिकारी के तेवर यह बताते हैं कि किसानों के साथ किसी भी प्रकार की ज्यादती बर्दाश्त नहीं होगी और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल जिलाधिकारी के रवैए से किसान आशान्वित है और उम्मीद है कि सहकारी समितियों में धान क्रय केंद्र खोले जाएंगे जिससे उन्हें सुविधाएं मिलेंगी.
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Source: IOCL





















