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शहर में हवा चलती है और तरह की.....महापंचायत पर शायरों ने मुरादाबाद का हाल कुछ यूं बयां किया
एबीपी गंगा ने मुरादाबाद में महापंचायत कार्यक्रम के दौरान बड़े शायरों से शहर का हाल जाना. मंच पर इमरान प्रतापगढ़ी, फक्कड़ मुरादाबादी, मंसूर उस्मान जैसे नामी शायर थे.
![शहर में हवा चलती है और तरह की.....महापंचायत पर शायरों ने मुरादाबाद का हाल कुछ यूं बयां किया Famous Poet on ABP Ganga Mahapanchayat in Moradabad शहर में हवा चलती है और तरह की.....महापंचायत पर शायरों ने मुरादाबाद का हाल कुछ यूं बयां किया](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/01/22233258/moradabadpoet22.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मुरादाबाद: एबीपी गंगा के कार्यक्रम महापंचायत में शायरों ने अपने नजरिये से शहर के मिजाज के बारे में बताया. इनमें मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी, हास्य कवि फक्कड़ मुरादाबादी, शायर मंसूर उस्मान और प्रसिद्ध हिंदी गीतकार डॉक्टर महेश्व तिवारी शामिल रहे. अपने अंदाज में इन शायरों ने शहर के तमाम विरासत और संस्कृति के बारे में बातें की.
दुष्यंत कुमार का किया जिक्र
इमरान प्रतापगढ़ी ने कई शायरों का जिक्र करते हुये कहा कि मशहूर हिंदी के कवि दुष्यंत कुमार की पैदाईश मुरादाबाद की है. उन्होंने कहा कि इस शहर ने साहित्य के क्षेत्र में कई हस्तियां दीं लेकिन इस शहर को वो पहचान नहीं मिली जो मिलनी चाहिये.
हास्य अंदाज में बताया शहर का हाल
वहीं, मशहूर हास्य कवि फक्कड़ मुरादाबादी ने अपने अंदाज में कहा कि आदमी में किस कदर विष भर गया है, विषधरों का विष भी अब डर गया है. कल सुनोगे किसी आदमी के काटने से कोई सांप रास्ते में मर गया है. उन्होंने कहा कि अब लोगों के जीवन में हास्य खत्म हो गया है. यही नहीं, उन्होंने कहा कि पहले जैसा माहौल अब नहीं रहा है.
शहर में चलती है हवा और तरह की..
इसी मंच से शायर मंसूर उस्मान ने भी एक शेर सुनाकर शहर का हाल बयां किया. उन्होंने कहा कि इस शहर में चलती है हवा और तरह की, जुर्म और तरह के हैं, सजा और तरह की हैं. हम आंख में आंसू नहीं लाते कि हमने पाई है विरासत और तरह की. उन्होंने कहा कि ये मुरादों का शहर है. ये रामगंगा के किनारे बसा है. शहर में काली माता का मंदिर है और हाफिज साहब का मजार भी. शायर मंसूर उस्मान ने कहा कि शहर में अमीर और गरीब के बीच फर्क अब भी है.साथ ही उन्होंने कहा कि शायरों के एजेंडे में सियासत कहीं भी फिट नहीं बैठती है.
इसी शहर के मशहूर गीतकार डॉक्टर महेश्वर तिवारी ने कहा कि आज भी मैं कहीं बाहर जाता हूं तो लोग कहते हैं कि आप जिगर साहब के शहर से हैं. उन्होंने शहर का हाल बताते हुये कहा कि पैसे का बोलबाला कुछ इस तरह बढ़ गया है कि ये शहर अब पीतल नगरी बन गया है. उन्होंने यहां काम करने वाले मजदूरों का जिक्र करते हुये कहा कि सरकार आती हैं और वादा करके चली जाती हैं.
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