देहरादून: नदी-नालों के किनारे बनी 129 अवैध बस्तियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी, 40 हजार भवनों पर खतरा
Dehradun News: नगर निगम के मुताबिक नदी-नालों के किनारे बनी बस्तियों में अवैध निर्माण पर्यावरण और शहर की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं. एनजीटी और हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद इन्हें हटाया जाएगा.

उत्तराखंड के देहरादून में नदी-नालों के किनारे बनी अवैध बस्तियों पर अब सख्त कार्रवाई की तैयारी है. एनजीटी हाईकोर्ट के निर्देश के बाद देहरादून नगर निगम ने 129 बस्तियों को चिन्हित किया है, जिनमें लगभग 40 हजार भवनों के होने का अनुमान है. इनमें से 2016 के बाद बने निर्माण अवैध घोषित किए गए हैं.
नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कार्रवाई में बार-बार बाधा आ रही है.
नदी-नालों के किनारे अवैध निर्माण पर नकेल
नगर निगम के मुताबिक नदी-नालों के किनारे बनी बस्तियों में अवैध निर्माण पर्यावरण और शहर की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं. एनजीटी और हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद नगर निगम ने रिस्पना नदी सहित अन्य नदियों के किनारे बने अवैध निर्माणों को चिन्हित करने का काम शुरू किया है. पहले चरण में रिस्पना नदी के किनारे की बस्तियों पर फोकस किया जा रहा है. नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि मलिन बस्ती अधिनियम के तहत 11 मार्च 2016 के बाद बने सभी निर्माण अवैध हैं.
सर्वे में बिजली-पानी कनेक्शन की जांचनगर निगम की टीमें अवैध बस्तियों में 2016 के बाद लिए गए बिजली और पानी के कनेक्शनों की भी जांच कर रही हैं. इसके लिए ऊर्जा निगम और जल संस्थान का सहयोग लिया जा रहा है. सर्वे के दौरान यह पता लगाया जा रहा है कि किन-किन भवनों में अवैध रूप से कनेक्शन लिए गए हैं. इस जानकारी के आधार पर अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई को और तेज किया जाएगा.
विरोध के कारण कार्रवाई में बाधा
बता दें कि नगर निगम की टीमें पहले भी कई बार अवैध बस्तियों को हटाने के लिए अभियान चला चुकी हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते सफलता नहीं मिली. हाल ही में दो दिन पहले भी नगर निगम की टीम बस्तियों को हटाने गई थी, लेकिन विरोध के कारण बिना कार्रवाई के वापस लौटना पड़ा. राजनीतिक दलों द्वारा वोट बैंक की रक्षा के लिए अवैध बस्तियों को संरक्षण देने का आरोप भी लग रहा है, जिसके चलते कार्रवाई में देरी हो रही है.
क्या है मलिन बस्ती अधिनियम?
मलिन बस्ती अधिनियम के तहत 11 मार्च 2016 तक बनी बस्तियों और भवनों को वैध माना गया है, लेकिन इसके बाद बने सभी निर्माण अवैध हैं. देहरादून नगर निगम क्षेत्र में 129 बस्तियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें करीब 40 हजार भवन हैं. इनमें से अधिकांश नदी-नालों के किनारे बने हैं, जो पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हैं.
Source: IOCL






















