यूपी: अब सरकारी तौर पर होगी कोबास मशीन से कोविड नमूनों की जांच, जानें- हाईटेक मशीन की खूबियां
कोबास- 6800 मशीन के इस्तेमाल से न सिर्फ ज्यादा टेस्टिंग होंगी. जांच में तेजी आने से पेंडेंसी खत्म होगी, एकक्यूरेसी भी पहले से ज्यादा होगी. प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ये मशीन लगाई गई है.

प्रयागराज: कोविड के सैंपल्स के लिए फिलहाल सबसे हाईटेक और एक्यूरेट मानी जाने वाली कोबास टेस्टिंग मशीनों से जांच अब यूपी में सरकारी तौर पर भी होगी. योगी सरकार ने इसके लिए सबसे पहले प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ये टेस्टिंग मशीन लगाई है. यूपी के किसी भी मेडिकल कॉलेज या सरकारी अस्पताल में लगने वाली ये पहली कोबास मशीन है. इसका उदघाटन सोमवार को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया. सीएम योगी ने अफसरों को इस मौके पर प्रयागराज में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने और तेजी से जांच करने के भी निर्देश दिए.
रोबोटिक तकनीक से लैस है मशीन यूपी की ये पहली सरकारी कोबास- 6800 मशीन प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में लगाई गई है. इससे पहले यहां RTPCR टेस्टिंग सामान्य मशीन से हो रही थी. कोबास- 6800 मशीन पूरी तरह रोबोटिक तकनीक से लैस है. इसमें एक साथ एक बार में 96 सैम्पल टेस्ट हो सकते हैं. पहले 96 सैम्पल टेस्ट होने में करीब साढ़े तीन घंटे का वक्त लगेगा, लेकिन इसके बाद के सेट सिर्फ आधे घंटे में ही जांचे जा सकेंगे.
एक दिन में हो सकती है दो हजार सैम्पल्स की जांच सैम्पल्स को बार कोड के जरिये मशीन में एंटर किया जाएगा और आधे घंटे में ही हरेक सैम्पल की डिटेल्ड रिपोर्ट सीधे इससे अटैच्ड कम्प्यूटर्स पर आ जाएगी. मशीन की एक दिन की कैपिसिटी तकरीबन दो हजार सैम्पल्स के जांच की है, लेकिन प्रयागराज में कोबास से फिलहाल रोजाना 12 सौ से 15 सौ सैम्पल्स ही टेस्ट किए जाएंगे. मशीन सप्लाई करने वाली कंपनी के ऑफिसर्स और ICMR के एक्सपर्ट्स मंगलवार से मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट की टीम को ट्रेनिंग देकर उन्हें इसके फंक्शन के बारे में जानकारी देंगे.

इंफेक्शन का खतरा भी है कम डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर और कोविड टेस्टिंग लैब की शिफ्ट इंचार्ज डॉ रीना सचान के मुताबिक इस कोबास- 6800 मशीन के इस्तेमाल से न सिर्फ ज्यादा टेस्टिंग होंगी. जांच में तेजी आने से पेंडेंसी खत्म होगी, एकक्यूरेसी भी पहले से ज्यादा होगी और इसके इस्तेमाल के दौरान ड्यूटी करने वाले मेडिकल स्टाफ में इंफेक्शन का खतरा भी पहले से काफी कम या यूं कहिए न के बराबर रह जाएगा. डॉ रीना सचान के मुताबिक कोबास मशीन में सभी फंक्शन ऑटोमेटिक हैं. इसे ऑपरेट करने के लिए एक अलग लैब बनाई गई है. उन्होंने एबीपी गंगा की टीम को पूरी मशीन के फंक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी है. कोबास- 6800 मशीन न्यूनतम BSL-2 लेवल की लैब में ही फंक्शन करती है.

सीएम योगी ने दिया बड़ा तोहफा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसपी सिंह का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे की पहली कोबास मशीन प्रयागराज को देकर यहां के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. उनके मुताबिक कोरोना को काबू में करने के लिए कोबास- 6800 आने वाले दिनों में बड़ा हथियार साबित होगी. माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ मोनिका के मुताबिक कोबास मशीन कोविड से वायरल, हेपेटाइटिस बी और सी, एचआईवी, एमटीबी, पैपिलोमा, सीएमवी, क्लैमाइडिया, निसेरेमिया जैसे लक्षणों का भी पता लगाया जा सकता है. प्रयागराज के सरकारी अमले ने पहली कोबास मशीन जिले को दिए जाने पर सीएम योगी का आभार जताया है.
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