केदारनाथ यात्रा: पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के लिए दिन-रात जुटे हैं मजदूर, अंतिम चरण में है कार्य
Chardham Yatra 2025: केदारनाथ विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की निगरानी में चल रहे इस कार्य को तय समयसीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है.

भगवान शिव के पावन धाम केदारनाथ की यात्रा आगामी 2 मई से शुरू होने जा रही है. यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने तैयारियों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. सबसे बड़ी चुनौती मानी जाने वाली केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य अब अपने अंतिम चरण में है. वर्तमान में 270 से अधिक मजदूर दिन-रात लगातार बर्फ हटाने के काम में जुटे हुए हैं.
प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की निगरानी में चल रहा यह कार्य बेहद कठिन और जोखिम भरा है, क्योंकि केदारनाथ धाम तक का रास्ता ऊंचे हिमालयी क्षेत्र से होकर गुजरता है, जहां भारी बर्फबारी के चलते रास्ता कई स्थानों पर बंद हो गया था. हालांकि, अब अधिकांश मार्ग से बर्फ हटाकर रास्ता तैयार कर लिया गया है और केवल मंदिर के आसपास के क्षेत्र में अंतिम बर्फ हटाने का काम शेष रह गया है. अधिकारियों के अनुसार, अगले एक-दो दिन में पूरा रास्ता साफ कर दिया जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए आवाजाही पूरी तरह से संभव हो जाएगी.
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का 16 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग हर वर्ष बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हो जाता है. इस बार भी मार्ग पर भारी बर्फ जम गई थी, विशेषकर भीमबली, लिनचोली और केदारपुरी क्षेत्र में बड़े ग्लेशियर जमा हो गए थे. मजदूरों ने आधुनिक उपकरणों और पारंपरिक तरीकों से इन ग्लेशियरों को काटकर मार्ग को पुनः खोलने का कार्य किया है. कुछ स्थानों पर बर्फ की मोटाई 10 से 15 फीट तक थी, जिसे हटाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी.
केदारनाथ विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की निगरानी में चल रहे इस कार्य को तय समयसीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है. साथ ही रास्ते पर रेलिंग, चेतावनी बोर्ड और विश्राम स्थलों की भी मरम्मत की जा रही है, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
मंदिर परिसर के आसपास सुविधाओं का हो रहा विस्तार
जैसे ही पैदल मार्ग पूरी तरह से बहाल हो जाएगा, धाम में आगामी यात्रा को लेकर अन्य तैयारियां भी तेज कर दी जाएंगी. मंदिर परिसर की सफाई, बिजली-पानी व्यवस्था, हेलिपैड की मरम्मत और तीर्थयात्रियों के रहने-खाने की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा. इसके अलावा केदारपुरी में चल रहे द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी गति पकड़ेंगे, जिसमें मंदिर परिसर के आसपास सुविधाओं का विस्तार और सौंदर्यीकरण कार्य शामिल हैं.
यात्रा मार्ग पर CCTV कैमरों की निगरानी
प्रशासन ने इस बार की यात्रा के लिए सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की योजना बनाई है. रास्ते में चिकित्सा पोस्ट, मोबाइल चिकित्सा दल, विश्रामगृह, जलपान केंद्र और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा यात्रा मार्ग पर CCTV कैमरों की निगरानी, एसडीआरएफ की तैनाती, पंजीकरण केंद्र और सूचना प्रसारण प्रणाली को भी सक्रिय किया जा रहा है.
यात्रा के लिए स्वास्थ्य जांच के बाद ही निकलें
बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए यात्रा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. पंजीकरण के बिना किसी भी श्रद्धालु को यात्रा मार्ग पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के लिए स्वास्थ्य जांच के बाद ही निकलें और सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें. मौसम की जानकारी लेते रहें और प्रशासन द्वारा सुझाए गए मार्गों पर ही यात्रा करें. इसके साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम की तेजी से बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित कपड़े और दवाइयां साथ लेकर चलें.
अब अंतिम चरण में हैं प्रशासनिक तैयारियां
केदारनाथ यात्रा के लिए प्रशासनिक तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं. पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य तय समय पर पूरा होने की संभावना है, जिससे 2 मई से यात्रा के सफल संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा. बर्फ हटाने में जुटे 270 मजदूरों का श्रम और समर्पण यात्रा की नींव को मजबूत बना रहा है. अब बस श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शनों के लिए तैयार हैं, और प्रशासन उन्हें एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुखद यात्रा अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है.
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