Muzaffarnagar News: नरेश टिकैत ने दी आत्महत्या की चेतावनी, कहा- '10 फरवरी तक गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो...'
Muzaffarnagar News: किसानों का कहना है कि शुगर मिल पर उनका लाखों रुपया पिछले साल का बकाया है, इस साल के पेमेंट का भी कोई मतलब नहीं है. अब हालत ये है कि घर चलाना भी मुश्किल हो गया है.

Naresh Tikait News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद में स्थित बजाज शुगर मिल (Sugar Mill) के गेट पर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के बैनर तले पिछले सप्ताह भर से गन्ने के भुगतान को लेकर किसानों का धरना चल रहा था. इस धरने पर आज किसानों द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें किसानों को संबोधित करने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) शामिल हुए, उन्होंने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए किसानों के गन्ना भुगतान के लिए 10 फरवरी तक का समय दिया और चेतावनी दी कि अगर समय पर गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो वह मिल के गेट पर आत्महत्या कर लेंगे.
किसानों का कहना है कि बुढ़ाना तहसील क्षेत्र में स्थित बजाज शुगर मिल पर क्षेत्रीय किसानों के गन्ने का लगभग 300 करोड़ रुपये बकाया है. जिसको लेकर 12 जनवरी से मिल के गेट पर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों का यहां धरना चल रहा था. धरने के दौरान किसानों ने सैकड़ों आवारा पशुओं को भी मिल गेट पर बांध दिया था. गन्ना भुगतान को लेकर इस धरने पर आज भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले एक महापंचायत का भी आयोजन किसानों द्वारा किया गया. इस दौरान बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मिल प्रशासन को दो टूक चेतावनी दी और कहा कि अगर 10 फरवरी तक पिछले साल का गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो वो इसी गेट पर आत्महत्या कर लेंगे.
आत्महत्या की चेतावनी पर क्या बोले टिकैत
पत्रकारों ने जब नरेश टिकैत से आत्महत्या को लेकर सवाल किया तो टिकैत ने कहा कि "10 तारीख होने दो दुनिया इतनी बढ़िया है, ऐसे ही क्या हम फांसी खा लेंगे और को भी तो दे देंगे फांसी. यहां मरकर पीछा छुड़ा लेंगे ऐसा नहीं है, फांसी वाली बात तुम छोड़ो गन्ने के पेमेंट की बात है, तो वह 90 करोड़ का पेमेंट हो जाएगा."
पंचायत में पहुंचे किसानों की मानें तो बजाज शुगर मिल पर पिछले साल का उन पर लाखों रुपये बकाया है. इस साल के पेमेंट का तो अभी कोई मतलब ही नहीं है. इन किसानों का कहना है कि अब हालात यह है की घर चलाना भी मुश्किल हो चला है.
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Source: IOCL





















