Basti News: बस्ती में नहीं थम रहा भ्रष्टाचार! अधिकारी ने फाइल मंजूर कराने के लिए मांगी रिश्वत, हुआ सस्पेंड
Basti Corruption: जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण ने बताया कि वीडियो में विकास अधिकारी द्वारा फाइल स्वीकृत करने के लिए 50 हजार की रिश्वत ली गई है, जिसे सस्पेंड कर दिया गया है.

Basti News: बस्ती (Basti) में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच चुका है और सरकारी दफ्तरों में बैठकर सरकारी मुलाजिम महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारने के नाम पर जमकर धन उगाही कर रहे हैं. ऐसे ही एक भ्रष्टाचार मामले को लेकर अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जांच बैठा दी है. बस्ती में प्रधान माया देवी के प्रतिनिधि जब विकास कार्यों की फाइल मंजूर कराने पहुंचें तो ग्राम विकास अधिकारी ने 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की. जिसके बाद प्रधान के प्रतिनिधि ने इस पूरे मामले को बेनकाब करने की ठान ली.
दरअसल, यह पूरा मामला साऊघाट ब्लॉक के गनधरिया फैज गांव का है, जहां की प्रधान माया देवी के प्रतिनिधि जब विकास कार्यों के नाम पर फाइल को मंजूर कराने के लिए ब्लॉक पर पहुंचे तो वहां मौजूद ग्राम विकास अधिकारी किशन वर्मा ने 50 हजार की रिश्वत मांग ली. फिर क्या था प्रधान के प्रतिनिधि ने रिश्वत देने से पहले एक योजना बनाई कि क्यों ना भ्रष्टाचारी को दुनिया के सामने बेनकाब किया जाए और फिर उन्होंने विकास की फाइल को स्वीकृत कराने के नाम पर ग्राम विकास अधिकारी किशन वर्मा के पास पहुंच कर उन्हें 50 हजार पकड़ाए, जिसका वीडियो उन्होंने बना लिया और अब वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
क्या है पूरा मामला?
प्रधान प्रतिनिधि ने जिला पंचायत राज अधिकारी को लिखित शिकायत पत्र देते हुए आरोप लगाया कि ग्राम विकास अधिकारी किशन वर्मा ने गांव में बनने वाले बाउंड्री वाल की फाइल को स्वीकृत करने के नाम पर 50 हजार की डिमांड की थी. इसको उन्होंने मजबूरी में दे दिया और उसकी वीडियो उनके पास मौजूद है. जैसे ही रिश्वतखोरी का वीडियो अधिकारियों के मोबाइल तक पहुंचा तो इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और पूरे प्रकरण की पंचायती राज विभाग की तरफ से जांच बैठा दी गई है.
जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण ने बताया कि एक वीडियो उनके पास आया है, जिसमें ग्राम विकास अधिकारी द्वारा फाइल स्वीकृत करने के लिए 50 हजार की रिश्वत ली गई है. इसका तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है और 15 दिन के अंदर उससे जवाब मांगा गया है. उसके बाद आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.
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Source: IOCL























