बरेली के मेयर ने 20 हजार महिलाओं से बंधवाई राखी, बोले- मरते दम तक कायम रहेगा रिश्ता
उत्तर प्रदेश स्थित बरेली में मेयर डॉ. उमेश को 20,000 से अधिक महिलाओं ने राखी बांधी. महिलाओं की ओर से यह प्रेम देखकर डॉ. उमेश भावुक हो गए.

रक्षाबंधन के मौके पर उत्तर प्रदेश के बरेली में खास कार्यक्रम आयोजित किया गया. तीन दिन तक चले इस कार्यक्रम में बरेली के मेयर डॉ. उमेश गौतम को 20000 से अधिक महिलाओं ने राखी बांधी. मेयर के साथ उनके बेटे पार्थ गौतम भी शामिल हुए. महिलाओं ने उन्हें भी राखी बांधकर लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया.
पहली बार हुआ ऐसा कार्यक्रम
दावा है कि रक्षाबंधन के मौके पर देश में पहली बार स्नेह बंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कहा जा रहा है कि 20000 से अधिक महिलाओं से राखी बंधवाने का यह कार्यक्रम विश्व रिकॉर्ड बना सकता था, लेकिन मेयर डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि उनका मकसद रिकॉर्ड बनाना नहीं, बल्कि भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते को निभाना और बहनों की शिक्षा, स्वास्थ्य और उनके स्वाभिमान की रक्षा करना है.
गिनीज बुक में दर्ज है यह रिकॉर्ड
गौरतलब है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे ज्यादा राखी बंधवाने का रिकॉर्ड पटना के खान सर के नाम दर्ज है. साल 2023 के दौरान उन्हें 7,000 से ज्यादा राखियां बांधी गई थीं, जिसके बाद यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था. लोगों की मानें तो यह कार्यक्रम राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से बेहद अहम है. इस कार्यक्रम में शामिल महिलाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए डॉ. गौतम ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम कराने के तमाम वादे किए. इनमें मिशन अस्पताल में विशेष स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से फ्री इलाज सुनिश्चित कराना, इंटरमीडिएट लेवल तक की शिक्षा मुफ्त मुहैया कराना, जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें मासिक राशन किट उपलब्ध कराना आदि शामिल है.
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राखी बंधवाकर भावुक हुए मेयर
दोनों हाथों में कोहनी तक बंधी राखियों को देखकर मेयर डॉ. उमेश गौतम भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गर्व और जिम्मेदारी का पल है. उन्होंने सभी महिलाओं को विश्वास दिलाया कि रेशम की डोरी से जुड़ा भाई-बहन का यह रिश्ता वह मरते दम तक निभाएंगे. साथ ही, अपनी बहनों की भलाई के वह भाई बनकर हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे. बरेली के स्टेडियम, मेयर के कैंप कार्यालय और कई बैंक्वेट हॉल्स में आयोजित इस कार्यक्रम में काफी महिलाएं शामिल हुईं. स्थानीय लोगों ने इसे सामाजिक भाईचारे और राजनीतिक जुड़ाव का नया अध्याय बताया. वहीं, राखी बांधने पहुंची महिलाओं ने गर्व जताते हुए कहा कि वे डॉ. उमेश गौतम की बहनें हैं. महिलाओं ने कहा कि इस दौर में जब रिश्तों की परिभाषा बदल रही है और युवा पीढ़ी भारतीय परंपराओं और मूल्यों से दूर जाती दिख रही है. ऐसे में इस तरह के आयोजन से न सिर्फ युवाओं को प्रेरणा मिलती है, बल्कि समाज को भी नई दिशा मिलती है.
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Source: IOCL























