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Barabanki News: बाराबंकी जिला कारागार ने शाक-भाजी प्रतियोगिता में गाड़े झंडे, सबसे ज्यादा अवॉर्ड के साथ बना नंबर वन
Organic Farming: जिला कारागार बाराबंकी में शाक-सब्जियां जैविक खाद और ऑर्गेनिक तरीके से पैदा की जाती हैं. जिसे राजभवन में काफी सराहना मिली और ये सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतने के साथ नंबर वन रहा.
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Barabanki Jail Organic Farming: यूपी के बाराबंकी (Barabanki) में जिला कारागार में पैदा हुई सब्जियों का राजभवन में बोलबाला रहा. प्रदेश स्तर पर हुई शाक भाजी प्रतियोगिता में जिला कारागार को 15 सालों के बाद सर्वश्रेष्ठ चल वैजयंती की ट्रॉफी मिली है. जैविक खेती (Organic Farming) कर उगाई गई इन सब्जियों ने राजभवन में धूम मचा दी. इन सब्जियों ने 74 जिलों द्वारा उगाई गई सब्जियों को पीछे छोड़ दिया. इस प्रतियोगिता में जिला कारागार के शाक भाजी उत्पादों ने अलग-अलग 13 पुरस्कार जीते हैं. इनमें से पांच जिला कारागार के उत्पाद प्रथम स्थान पर रहे. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीके सिंह को चल वैजयंती ट्रॉफी दी.
दरअसल जिला कारागार बाराबंकी में शाक-सब्जियां जैविक खाद और ऑर्गेनिक तरीके से पैदा की जाती हैं. जिसे इस बार राजभवन में काफी सराहना मिली. 16 से 18 फरवरी तक राजभवन में आयोजित प्रदेश स्तरीय शाकभाजी और पुष्प प्रदर्शनी में 13 सब्जियों के सबसे बेहतर उत्पादन के साथ बाराबंकी को सर्वोच्च पुरस्कार से नवाजा गया. राजभवन में लगाई गई इस प्रदर्शनी में जिला कारागार में उत्पादित की गई गांठ गोभी, चुकंदर, टमाटर, लंबा बैगन, फ्रेंच मूली को पहला और गांठ गोभी, पत्ता गोभी, सलाद, जौनपुरी मूली को दूसरा पुरस्कार मिला है, जबकि गोल बैंगन, सामान्य मूली, शलजम को तीसरा पुरस्कार मिला है.
जैविक खेती से बनाई अलग पहचान
बाराबंकी जिला जेल में कुल 13 एकड़ खेती योग्य जमीन है. सालों से इस जेल में उगाई जाने वाली सब्जियों की अलग पहचान रही है, लेकिन इस बार जेल प्रशासन ने कई नए प्रयोग किये. जिसमें जैविक खेती करने की योजना बनाई गई और इसके लिए उन्होंने जेल की गायों के गोबर से जैविक खाद तैयार करवाई. इसके साथ ही जैविक कीटनाशक भी तैयार कराया. करीब 8 एकड़ में आलू की खेती और 5 एकड़ में शाक भाजी और सब्जियों की खेती कराई गई. यही नहीं करीब डेढ़ बीघे में स्ट्राबेरी की भी खेती कराई गई.
बाराबंकी जेल को मिले सबसे ज्यादा अवॉर्ड
बाराबंकी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शनी में पूरे प्रदेश में जिला कारागार को सर्वोच्च पुरस्कार चल वैजयंती से सम्मानित किया गया है. राजभवन से मिले इस सम्मान से पूरे कारगार परिसर में खुशी का माहौल है. उन्होंने बताया कि कैदियों के द्वारा जेल में स्थित गोशाला से निकले हुए गोबर की खाद बनाकर पूरी तरह से ऑर्गेनिक और जैविक खेती की जा रही है. कैदी एक से बढ़कर एक सब्जियां उगा रहे हैं. जिसे पूरे प्रदेश में अलग पहचान मिली और हमने इतने पुरस्कार जीते हैं.
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