प्रयागराज: 'ऑपरेशन नेस्तनाबूत' का खौफ, विधायक विजय मिश्रा ने चलवाया कॉम्प्लेक्स पर हथौड़ा
बाहुबली विधायक अपने कॉम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए उसकी ऊपरी दो मंजिलों को खुद ही गिरवाने लगे हैं. विजय मिश्र के करोड़ों के आशियाने को सरकारी अमला पहले ही जमींदोज कर चुका है.
प्रयागराज. योगी सरकार द्वारा चलाए जे रहे ऑपरेशन नेस्तनाबूत का खौफ माफियाओं और बाहुबलियों में खूब देखा जा रहा है. खौफ भी इतना की अपराधी खुद ही अपनी संपत्तियों पर खुद ही हथौड़ा चलवाकर उसे तुड़वाने लगे हैं. सरकार से खौफ खाने वाले बाहुबलियों में भदोही के विधायक विजय मिश्र का नाम भी शामिल हैं. बाहुबली विधायक अपने कॉम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए उसकी ऊपरी दो मंजिलों को खुद ही गिरवाने लगे हैं. विजय मिश्र के करोड़ों के आशियाने को सरकारी अमला पहले ही जमींदोज कर चुका है.
विधायक विजय मिश्रा की चार मंजिला इमारत प्रयागराज शहर के अल्लापुर इलाके में पुलिस चौकी के ठीक सामने बनी है. इस कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट समेत नीचे की दो मंजिल पर 20 से ज्यादा दुकानें और शोरूम थे, जबकि ऊपर की दो मंजिल पर आफिस और लॉज चलते थे. विकास प्राधिकरण से सिर्फ दो मंजिल का ही नक्शा पास था, जबकि ऊपर की दो मंजिल अवैध तरीके से बनवाई गई थी. ऑपरेशन नेस्तनाबूत अभियान के तहत यहां से महज सौ मीटर की दूरी पर स्थित विजय मिश्र के आलीशान आशियाने को 5 नवम्बर की शाम को सरकारी बुलडोजरों ने जमींदोज कर दिया था. आशियाने के बाद सरकारी अमले की निगाहें करोड़ों की कीमत वाले इसी कॉम्प्लेक्स पर थीं. मामला कोर्ट में गया, लेकिन विजय मिश्र के परिवार को कहीं से राहत नहीं मिली. इसके बाद विजय मिश्र के परिवार ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग देकर अवैध निर्माण को खुद ही गिराए जाने की बात कही.
कांट्रैक्टर को दिया दो मंजिल गिराने का ठेका कॉम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए विजय मिश्र के परिवार ने शंभू नाथ गुप्ता नाम के एक कांट्रैक्टर को ऊपर की दो मंजिल को गिराने का ठेका दे दिया है. ऊपरी दो मंजिलों को तोड़े जाने का काम भी शुरू हो गया है. इस काम में तकरीबन डेढ़ दर्जन मजदूर और इंजीनियर लगे हुए हैं. कहीं हथौड़े चल रहे हैं तो कहीं ड्रिल मशीन के जरिये दरवाजों और खिड़कियों को तोड़ा जा रहा है. कोशिश यह की जा रही है कि ऊपर की दो मंजिल टूटने में बेसमेंट और नीचे की दो मंजिलों को कोई नुकसान न पहुंचे. एहतियात के तौर पर पूरे कॉम्प्लेक्स को खाली करा लिया गया है. बिल्डिंग का मलबा नीचे गिरकर किसी राहगीर को चोट न पहुंचाए, इसके लिए सड़क पर बैरीकेडिंग कर दी गई है. कॉम्प्लेक्स का अवैध निर्माण तोड़ने में करीब डेढ़ महीने का वक्त लगने की उम्मीद है.
अन्य अपराधी भी चलवा सकते है हथौड़ा कई दूसरे माफिया और अपराधी भी जल्द ही अपने अवैध निर्माणों पर भी हथौड़ा चलवा सकते हैं. जिन बाहुबलियों के आशियाने और दूसरे इमारतों के नक्शे नहीं पास हैं वह या तो अदालत जाने की तैयारी में हैं या फिर विकास प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं. विकास प्राधिकरण के ओएसडी सत शुक्ला भी मानते हैं कि सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई से माफियाओं और दूसरे अपराधियों में जबरदस्त खौफ है.
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