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Ayodhya: राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे रामचंद्र परमहंस के शिष्य की सरकार से मांग- समाधि स्थल बने पर्यटन स्थल
राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रामचंद्र परमहंस दास की पुण्यतिथि पर संतों ने सरकार से मांग की कि उनके समाधि स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए.
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UP News: राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Andolan) के अगुवा और दिगंबर अखाड़ा के महंत दिवंगत रामचंद्र परमहंस दास (Ramchandra Paramhans Das) की 19 वीं पुण्यतिथि के पहले संतों ने उनके समाधि स्थल पहुंच कर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सरयू (Sarayu) तट स्थित इस समाधि स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की मांग की है. पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती (Ramvilas das vedanti) ने इस दौरान कहा कि महंत रामचंद्र परमहंस दास ने राम जन्मभूमि (Ram Janmbhoomi) की लड़ाई लड़ी थी और उन्हीं के नेतृत्व में ही विवादित ढांचा गिराया गया जिसके बाद आज भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है.
अटल बिहारी वाजपेयी ने कही थी यह बात
वेदांती ने कहा कि जब 19 वर्ष पहले परमहंस दास की चिता जल रही थी तो उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी यहां पर आए थे. उन्होंने कहा था कि एक ना एक दिन हम सभी को जाना है लेकिन हमारे पार्टी में एक ऐसा नेता आएगा जो भगवान के इस भव्य मंदिर निर्माण कार्य को पूरा करेगा और वह दिन आ गया जब 9 नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया तो उनकी बातें सत्य साबित हुईं. आज उस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है. अयोध्या के विकास को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं.
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इसलिए कर रहे हैं पर्यटन स्थल की मांग
वहीं केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि भव्य मंदिर निर्माण के साथ सरयू तट स्थित महंत परमहंस दास की समाधि स्थल को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए जिससे यहां पर आने वाले श्रद्धालु अपना मन शांत करने के लिए इस स्थल पर पहुंचें. रामचंद्र परमहंस दास के शिष्य नारायण मिश्र ने बताया कि गुरु जी ने सन 1949 से राम मंदिर की लड़ाई लड़ी थी और आज राम मंदिर बन रहा है. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग पूज्य गुरुदेव की हमेशा से ही रही थी. आज जिस प्रकार प्रभु राम का मंदिर बन रहा है काशी और मथुरा में भी मंदिर का निर्माण होगा और भारत बहुत जल्द हिंदू राष्ट्र बनेगा.
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