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श्रमिकों के हित में है यूपी सरकार की मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना, जानें इसके फायदे
यूपी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत पुरुष श्रमिक की पत्नी को लड़का पैदा होने पर 20,000 रुपये एक साथ दिए जाते हैं और लड़की होने पर 25,000 रुपये दिए जाते हैं.

प्रतीकात्मक फोटो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से संचालित 'मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना' में श्रमिकों के चलाई जा रही एक बेहद महत्वपूर्ण योजना है. इसमें यूपी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत पुरुष श्रमिक की पत्नी को लड़का पैदा होने पर 20,000 रुपये एक साथ दिए जाते हैं और लड़की होने पर 25,000 रुपये दिए जाते हैं.
बोर्ड में पंजीकृत महिला श्रमिकों को भी लड़का या लड़की पैदा होने पर पैसा मिलता है, इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होता है. पुरुष कामगार की ओर से आवेदन करने पर उनकी पत्नियों को मातृत्व हितलाभ के रूप में 6000 रुपये एक बार में दिए जाते हैं.
पहले इस योजना के तहत लड़का पैदा होने पर वर्ष में एक बार 12,000 और लड़की होने पर 15,000 रुपये की दर से दो वर्ष की आयु पूर्ण होने तक दिए जाते थे, लेकिन अब इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया है.
इस योजना के तहत दिए जाने वाले सभी हितलाभ का भुगतान आवेदन किए जाने के 15 दिन के अंदर और इस बारे में जनहित गारंटी अधिनियम के तहत जारी अधिसूचना में तय की गई समयावधि के अंदर आवेदक के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है.
इस योजना के तहत परिवार में पहली बालिका के जन्म लेने पर 25,000 रुपये एकमुश्त जिसे 18 वर्ष तक के लिए सावधि जमा किया जाएगा, के भुगतान का भी प्रावधान है. यदि बालिका दिव्यांग है तो 50,000 रुपये की राशि एकमुश्त 18 वर्ष तक के लिए सावधि जमा का प्रावधान है.
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