Agra News: मंदिर की वजह से बंद किया जा सकता है आगरा का राजामंडी रेलवे स्टेशन, रेलव ने जारी किया नोटिस
Raja Mandi News: भारतीय रेलवे ने अपनी जमीन से अतिक्रमण को हटाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत आगरा में भूरे शाह बाबा की मजार और चामुंडा देवी मंदिर को नोटिस जारी किये गए हैं.
Indian Railway News: रेलवे की अपनी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कोशिश के तहत उसके उत्तर मध्य जोन ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) में भूरे शाह बाबा की मजार और चामुंडा देवी मंदिर को नोटिस जारी किये हैं. गौरतलब है कि मजार की देखरेख करने वाले सज्जादा नाशिम को 25 अप्रैल को जारी नोटिस में रेलवे ने कहा कि यह मजार आगरा छावनी रेलवे बोर्ड के स्वामित्व वाली जमीन पर बनाई गयी और 182.57 वर्ग मीटर जमीन ‘अवैध रूप से कब्जाई’ गयी है. नोटिस में मजार के निर्माण के बचाव में दस्तावेज बोर्ड के सामने 13 मई तक पेश करने को कहा गया है. नोटिस में नाशिम को जमीन के स्वामित्व को साबित करने और 13 मई को सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया गया है.
नोटिस में ये भी कहा गया है कि यदि मजार की देखरेख करने वाले इस तारीख पर पेश नहीं होते तो अधिकारी और अदालत एक पक्ष की दलीलें ही सुनने के बाद आदेश जारी करेंगे.
चामुंडा देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी को भेजे गए नोटिस में ये कहा गया है
इसी तरह चामुंडा देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी को 12 अप्रैल को भेजे गये नोटिस में रेलवे ने कहा कि मंदिर का एक हिस्सा राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर अतिक्रमण कर रहा है और इससे यात्रियों को असुविधा होने के साथ ट्रेनों के आवागमन पर भी असर पड़ता है. नोटिस में प्लेटफॉर्म और रेलवे की जमीन से मंदिर के हिस्से को हटाने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है.
आगरा के DRM ने क्या कहा?
वहीं आगरा के DRM आनंद स्वरूप ने कहा, “राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर एक मंदिर है. हमारे रिकॉर्ड के मुताबिक हमारी जमीन पर मंदिर का एक छोटा सा हिस्सा अनाधिकृत तरीके से बना हुआ है, जो हमारे ट्रेन ऑपरेशन के लिए समस्या का कारण बना हुआ है. हम चाहते हैं कि सौहार्दपूर्ण तरीके से इसका समाधान निकल जाए.”
देशभर में रेलवे की करीब 814.5 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण है
बता दें कि रेल मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2021 में संसद में दिये गये आंकड़ों के अनुसार देशभर में रेलवे की करीब 814.5 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण है जो नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के कुल क्षेत्र की कम से कम नौ गुना है. इसमें से करीब बीस फीसदी हिस्सा उत्तर रेलवे जोन में है. उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल दिसंबर में रेलवे को उसकी संपत्तियों पर अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि उसे अनधिकृत कब्जों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू करनी चाहिए.
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