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Acharya Vidhyasagar Maharaj: केशव प्रसाद मौर्य ने जैन मुनि के देह त्याग पर जताया दुख, कहा- 'उनका योगदान प्रेरणादायी रहेगा'
UP News: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने की सूचना अत्यंत दुःखद है, देश के लिए उनका अप्रतिम योगदान हर पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक रहेगा.
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Aacharya VidhyaSagar Maharaj Samadhi: दिगंबर जैन मुनि परंपरा के आचार्य श्री विघासागर जी महराज ने 17 फरवरी को देर रात अपना देह त्याग दिया था. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी जैन तीर्थ में उन्होंने समाधि ली. तीन दिन पहले ही उन्होंने उपवास रखकर मौन धारण किया था. वहीं उनकी अंतिम संस्कार की रस्म रविवार 1 बजे निभाई जानी है. जहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है.
आचार्य की समाधि लेने की खबर से जैन समाज में शोक छा गया है. देशभर से उनको चाहने वाले श्रद्धालु चंद्रगिरी तीर्थ पहुंच रहे है. वहीं उनके देह त्याग पर बड़े-बड़े राजनेताओं ने शोक जताया है. वही पीएम मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, एमपी के सीएम मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान, सचिन पायलट, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आचार्य श्री विद्यासागर के ब्रह्मलीन होने पर पर शोक जताया है.
कौन है आचार्य श्री विद्यासागर
आचार्य विद्यासागर महाराज दिगंबर जैन आचार्य हैं. 10 अक्टूबर, 1946 को कर्नाटक के सदलगा में जन्मे, उन्होंने छोटी उम्र से ही आध्यात्मिकता को अपना लिया और 21 साल की उम्र में राजस्थान के अजमेर में दीक्षा लेने के लिए सांसारिक जीवन त्याग दिया था. आचार्य विघासागर को संस्कृत, प्राकृत और कई आधुनिक भाषाओं में उनकी महारत ने उन्हें कई व्यावहारिक कविताएं और आध्यात्मिक ग्रंथ लिखने में सक्षम बनाया था. उन्होंने काव्य मूक माटी की भी रचना की थी. जिसको कई संस्थानों में पोस्ट ग्रेजुएशन के हिन्दी पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाता है. आचार्य विद्यासागर कई धार्मिक कार्यों में लोगों के लिए प्रेरणास्रोत भी रहे थे.
केशव प्रसाद मौर्य ने भी जताया शोक
आचार्य श्री विद्यासागर के निधन के बाद से उनके चाहने वाले श्रद्धालु डोंगरगढ़ पहुंच रहे है. वही यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट एक संदेश में जैन मुनि की समाधि लेने पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने अपने संदेश में कहा "परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने की सूचना अत्यंत दुःखद है." मानवता, समाज कल्याण व चेतना जागृति में उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेगा.
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