राजस्थान: स्कूलों के सुधार के लिए शिक्षा मंत्री ने MLA's से मांगे पैसे, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा
Rajasthan News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों के जर्जर क्लासरूम्स ठीक कराने के लिए शिक्षा मंत्री ने विधायकों से पैसे मांगे. इस पर विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग की.

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का एक और फैसला विवादों और सवालों के घेरे में है. अपने विवादित बयानों और फैसलों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अब जर्जर हो चुके राज्य के सरकारी स्कूलों के क्लासरूम की हालत सुधारने के लिए के सभी विधायकों से मदद मांगी है.
मंत्री ने उनसे अपनी विधायक निधि की बीस फीसदी रकम यानी एक करोड़ रुपए स्कूलों की हालत सुधारने के लिए देने को कहा है. विपक्ष ने इसे लेकर शिक्षा मंत्री और सरकार पर निशाना साधा है.
विपक्ष ने कहा है कि अगर सरकार के पास सरकारी स्कूलों के जर्जर क्लासरूम्स ठीक कराने के लिए पैसा नहीं है तो यह बेहद शर्मनाक हालत है. शिक्षा मंत्री को अब अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्हें पद पर बने रहने का अधिकार नहीं रह गया है.
शिक्षा मंत्री ने पैसों के लिए 200 विधायकों को भेजा पत्र
विधायक निधि से पैसे मांगने के लिए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राज्य के सभी 200 विधायकों को पत्र भेजा है. शिक्षा मंत्री की तरफ से कहा गया है कि राज्य के 3 हजार 768 सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर है.
इसके अलावा दूसरे स्कूलों के 83 हजार 783 क्लास रूम्स और 16 हजार 765 शौचालय भी एकदम जर्जर हालत में है और उपयोग करने लायक नहीं है. इन्हें नए सिरे से बनाए जाने की जरूरत है.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के मुताबिक इसके साथ ही इस साल हुई भारी बारिश के चलते कमजोर हो चुके सरकारी स्कूलों के 2 लाख 19 हजार 902 क्लास रूम्स और 29 हजार 753 शौचालयों की मरम्मत भी कराई जानी है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा विधायकों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों के क्लास रूम्स और शौचालयों के निर्माण और मरम्मत में काफी पैसे खर्च होने हैं.
20 फीसदी रकम देने का किया आग्रह
पत्र के माध्यम से उन्होंने अपनी विधायक निधि की बीस फीसदी रकम यानी एक करोड़ रूपेश शिक्षा विभाग को देने का आग्रह किया है. उन्होंने सभी विधायकों को यह चिट्ठी भेज दी है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के इस फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राज्य की आर्थिक हालत इतनी खराब हो चुकी है कि सरकार के पास गरीब बच्चों की पढ़ाई करने के लिए क्लासरूम की मरम्मत कराने का पैसा नहीं है या फिर सरकारी स्कूल और यहां पढ़ने वाले गरीब बच्चे सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं.
शिक्षा मंत्री के पैसे मांगने पर विपक्ष ने साधा निशाना
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा विधायकों से विधायक निधि की 20 फीसदी रकम मांगे जाने पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ तौर पर कहा है कि यह राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों का मजाक है.
उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री बच्चों के लिए क्लासरूम की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं. उनके पास फंड की कमी है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि राज्य में जबरदस्त वित्तीय संकट है. अभी स्कूलों के क्लास रूम के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं.
सरकार को अब सत्ता में बने रहने का हक नहीं- गोविंद डोटासरा
उन्होंने आरोप लगाया कि अगले कुछ महीनो में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे. यह बेहद गंभीर स्थिति है. इस सरकार को अब सत्ता में बने रहने का हक नहीं रह गया है.
गौरतलब है कि झालावाड़ में 25 जुलाई को सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से सात बच्चों की मौत के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत पर सुओ मोटो लेते हुए जनहित याचिका कायम कर सुनवाई शुरू की थी.
डोटासरा ने कहा कि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ही राज्य सरकार ने डेटा तैयार कराया. इसी आंकड़े में साफ हुआ कि साढ़े तीन हजार से ज्यादा स्कूल, तिरासी हजार क्लास रूम्स और सोलह हजार शौचालय एकदम जर्जर हालत में है और उपयोग के लायक नहीं है.
इसके साथ ही बड़ी संख्या में दूसरे क्लासरूम और शौचालय को मरम्मत कराए जाने की भी जरूरत है. कहा जा सकता है कि हाईकोर्ट की सख्ती और फटकार के बाद शिक्षा मंत्री ने विधायकों से पैसे मांग कर फंड की कमी बताते हुए सरकार की मजबूरी बताने की कोशिश की है.
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Source: IOCL























