Rajasthan: रविंद्र भाटी पर बीजेपी नेता मदन राठौड़ की आपत्तिजनक टिप्पणी, 'वह तो छुट्टा सांड...'
Rajasthan Politics: रविंद्र भाटी राजस्थान सरकार की नीतियों को लेकर अक्सर अपनी राय जाहिर करते हैं. रविंद्र भाटी ने बीजेपी से राजनीतिक सफर शुरू किया था लेकिन फिलहाल निर्दलीय विधायक हैं.

Madan Rathore on Ravindra Singh Bhati: राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी को लेकर आपत्तिजनक बात कही है जिससे सियासी घमासान मच सकता है. दरअसल, उनसे जब पूछा गया कि क्या रविंद्र भाटी सरकार के विरोध में हैं? इस पर मदन राठौर ने कहा कि 'वह तो छुट्टा सांड हैं अब क्या करेगा.'
मदन राठौर ने स्थानीय पत्रकार से बातचीत में कहा, ''वह करेगा ना विरोध. निर्दलीय है, फ्री है. छुट्टा सांड होता है तो अब क्या करेगा.'' हालांकि इस पर रविंद्र भाटी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. रविंद्र भाटी कभी बीजेपी से जुड़े हुए थे लेकिन उन्होंने विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया और उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव का फैसला किया और यह फैसला उनके हक में भी गया और उन्होंने जीत दर्ज की. उन्होंने 2024 में निर्दलीय लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था. वह जनता के बीच खासे लोकप्रिय हुए थे लेकिन अपनी लोकप्रियता को जीत में नहीं बदल पाए.
रविन्द्र भाटी पर मदन राठौड़ का बयान
— Akash Tiwari (@AkashgauravJR) January 19, 2025
"वो करेगा ना, फ्री है, विरोध में है, छुट्टा सांड होता है ना तो अब क्या करें" - भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़
सवाल था - क्या कहेंगे रविन्द्र भाटी सरकार के विरोध में है?
अब इस बयान की लपटें कितनी दूर जाएंगी यह देखना होगा. @Of_madanrathore… pic.twitter.com/tinSbXHObq
भाटी ने हाल ही में सरकार से की थी यह मांग
रविंद्र भाटी अक्सर सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए देखे जाते हैं. हाल ही में उन्होंने स्थानीय कला को प्रदर्शित करने के लिए उचित मंच ना मिलने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा था, ''हमारे प्रदेश की मिट्टी में कला और संस्कृति पीढ़ियों से रची-बसी है. हर गांव- ढाणी, हर क्षेत्र में अनगिनत प्रतिभाशाली कलाकार मौजूद हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी पहचान केवल एयरपोर्ट पर मेहमानों के स्वागत या सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नाचने-गाने तक सीमित कर दी गई है.''
भाटी ने आगे कहा, ''प्रदेश सरकार से मेरा आग्रह है कि इन कलाकारों की आवाज को सुने और उनकी प्रतिभा को सही मंच प्रदान करे. अगर इन कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला दिखाने का अवसर मिले, तो यह न केवल उनकी आजीविका का साधन बनेगा, बल्कि हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोने का काम करे.''
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Source: IOCL





















