झालावाड़ पुलिस का 'ऑपरेशन शटरडाउन', योजनाओं में सेंध लगाने वाले साइबर ठग गिरफ्तार
Jhalawar News: झालावाड़ पुलिस ने 'ऑपरेशन शटडाउन' के तहत एक बड़े साइबर ठगी गैंग का भंडाफोड़ किया है. यह गैंग केंद्र व राज्य की सरकारी योजनाओं में करोड़ों की धोखाधड़ी कर रहा था.

झालावाड़ पुलिस का बड़ा एक्शन सामने आया है जहां पुलिस ने एक ऐसी गैंग का पर्दाफाश किया है. जिसने केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये की ठगी की है. यह गैंग दो राज्यों व चार जिलों तक फैली हुई थी. चौकाने वाली बात सामने यह आई कि गैंग को चलाने वाले खुद पांचवी आठवीं पास बताये जा रहे हैं. झालावाड़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में यह साइबर क्राइम की देश की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है जिसमें साइबर ठगो ने सरकार को ही अपना शिकार बना लिया.
झालावाड़ पुलिस को गुप्त रूप से मिले एक इनपुट के आधार पर सूचना को डेवलप किया गया. जिसमें इस गैंग से जुड़ी कुछ संदिग्ध चीजें सामने आई. जिसके बाद झालावाड़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने 70 अलग-अलग टीमों का गठन किया. जिसने कई दिनों तक इस गैंग की गतिविधि पर नजर रखी वहीं करीब 600 700 किलोमीटर तक फैले इस गैंग के नेटवर्क का पीछा किया.
साइबर ठगों ने सरकार को बनाया शिकार
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि यह गैंग केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रही थी, यह भारत का पहला ऐसा अभियान है जिसमें सार्वजनिक धन जो किसानों, पेंशन धारकों और कमजोर वर्गों के लिए निर्धारित था उस सरकारी फंड में साइबर ठगों ने सेंध लगाई और सरकार को अपना शिकार बनाया.
इस माध्यम से ठगी की वारदात को दिया अंजाम
उन्होंने बताया की कार्रवाई के दौरान 30 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिसमें गैंग का मास्टरमाइंड शामिल है पुलिस को मौके से करीब 11 हजार से अधिक बैंक खातों का डाटा मिला है. विभिन्न योजनाओं में धोखाधड़ी के कागजात मिले हैं. 52.69 लाख रुपये नकद, 33 लैपटॉप, 14 लग्जरी वाहन,14 मोटरसाइकिल,नोट गिनने की मशीन, बायोमेट्रिक उपकरण तथा बैंक के महत्वपूर्ण दस्तावेज जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, मुआवजा एवं आपदा राहत योजना जैसी योजनाएं शामिल है, जिनके माध्यम से ठगों ने ठगी की वारदात की है.
पुलिस ने इस कार्रवाई को 'ऑपरेशन शटरडाउन' का नाम दिया जिसके तहत यह कार्रवाई की गई. गैंग का मास्टरमाइंड दोसा निवासी राम अवतार सैनी है जो कि संगठित अपराध का सरगना है रामावतार सैनी सरकारी पोर्टलो की गहन जानकारी रखता है लोगों को सरकारी योजनाओं में लाभ देने के नाम पर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करवा कर फर्जी लाभार्थी बनाकर पोर्टल पर स्वीकृति दिलाता है और उसके माध्यम से सरकारी कोष से करोड़ों रुपये इन खातों में ट्रांसफर कर 50 से 75% राशि अपने गुर्गो के माध्यम से वसूलता है.
करीब 70 टीमों ने एक साथ इस गैंग पर की कार्रवाई
इस गैंग का नेटवर्क दो राज्यों और चार जिलों तक फैला हुआ था गैंग करीब 600-700 किलोमीटर में इस नेटवर्क को चला रही थी पुलिस की करीब 70 टीमों ने एक साथ इस गैंग पर कार्रवाई की. पुलिस ने बताया कि फिलहाल इस मामले में जांच जारी है सरकार योजनाओं से जुड़ी ठगी की धनराशि के आंकड़े भी जल्द सामने आएंगे.
ऑपरेशन शटरडाउन है चर्चा में
आपको बता दे कि सरकार के साथ ठगी करने वाली इस गैंग का पर्दाफाश करने वाले आईपीएस अधिकारी अमित कुमार फिलहाल झालावाड़ पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात हैं उनके पुलिसिंग मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किया गया था जब उन्होंने गुमशुदा बच्चों से जुड़ा एक अभियान शुरू किया था.वही डीसीपी वेस्ट जयपुर रहते हुए हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध और साइबर क्राइम से जुड़ी कार्रवाइयों ने अपराधियों में भय पैदा कर दिया था. ऐसे में उनकी चर्चा गंगाजल फिल्म के अमित कुमार से भी की जाती है. अब एक बार फिर उनका ऑपरेशन शटरडाउन चर्चा में है.
Source: IOCL






















