Bijasan Mata Mandir: बिजासन माता के दर्शन से ठीक हो जाता है लकवा, नवरात्रि पर उमड़ता है भक्तों का जनसैलाब
Bijasan Mata Mandir News: झालावाड़ रोड पर स्थित बिजासन माता का मंदिर लगभग 400 साल पुराना है. इस मंदिर पर नवरात्रि पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है. इस मंदिर से जुड़ी लोगों की कई तरह की मान्यता है.

Rajasthan Bijasan Mata Mandir: हाड़ौती संभाग में मातारानी के कई मंदिर हैं. इनमें से कई प्राचीन मंदिर काल के हैं. यही नहीं हर मंदिर की अपनी अलग ही मान्यता है. इन दिनों नवरात्र में कोटा संभाग में मातारानी की आराधना हो रही है, विशाल भंडारे हो रहे हैं, प्रतिदिन मातारानी के मनमोहक श्रृंगार देखने को मिल रहा है.
इस मौके पर माता की चौकी सजाई जा रही है और कई आयोजनों के माध्यम से नवरात्र में पूजा अर्चना की जा रही है, लेकिन कोटा से करीब 35 किलोमीटर दूर झालावाड़ रोड पर एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर लकवा के मरीज ठीक हो जाते हैं. बताया जा रहा है कि झालावाड़ रोड स्थित इस प्राचीन मंदिर में के बाद कई लकवा ग्रस्त मरीज ठीक होकर आराम से चल फिर रहे हैं. यह चमत्कार यहां एक दो नहीं सैकड़ों मरीजों के साथ देखने को मिला है.
मुराद पूरी करने को लेकर यह है मान्यता
प्राचीन गोपालपुर गांव में बिजासन माता जी का प्राचीन मंदिर है और इस मंदिर को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है और यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां लकवा ग्रस्त और चलने फिरने में असमर्थ लोग शनिवार और रविवार को आते हैं.
मंदिर में मरीज माता जी के दर्शन कर परिक्रमा करते हैं पाठ करते हैं. बताया जाता है कि ऐसा करने से मरीजों की लकवा की बीमारियां ठीक हो जाती है. यह मान्यता लंबे समय से चली आ रही है. हालिया दिनों में यहां पर हर रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.
लकवाग्रस्त मरीज हो जाते हैं ठीक
नवरात्रों में यहां मेला लगा रहता है. लोगों की भारी भीड़ रहती है. कई लोग तो 9 दिनों तक यहां रुक कर माता की आराधना करते हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी राजू बैसला ने बताया कि मंदिर में उनकी पांचवीं पीढ़ी माताजी की सेवा कर रही है. उन्होंने बताया कि यहां पर बिजासन, कालका माता और भैरव जी की प्रतिमा विराजमान है.
मान्यता है कि दोनों माताजी की प्रतिमाएं स्वयं ही प्रकट हुई हैं. यहां लकवा ग्रस्त सैकड़ों मरीज दर्शन करने के बाद ठीक हो चुके हैं. आम दिनों की अपेक्षा यहां शनिवार और रविवार को अधिक भीड़ रहती है. यहां पर रविवार की आरती का विशेष महत्व होता है. यहां सुबह 5 बजे आरती होती है. श्रद्धालु रात को ही पहुंच जाते हैं और सुबह आरती में भाग लेते हैं.
मंदिर में 9 दिनों तक की जाती है पूजा
भक्त मंदिर की परिक्रमा कर माता जी से स्वस्थ होने की कामना करते हैं. उसके बाद कहा जाता है कि व्यक्ति ठीक हो जाता है. नवरात्र में यहां अखंड रामायण का पाठ नौ पंडितों के द्वारा लगातार किया जाता है. इसके अलावा यहां पर भंडारा भी होता है और साथ ही 9 दिनों तक माता की विशेष पूजा अर्चना होती है. श्री राजेश्वरी बिजासन माता मंदिर समिति का मानना है कि रविवार और शनिवार को 20 हजार तक श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं. इस मौके पर 9 दिनों तक यहां पर भंडारा चलता है, जिसका प्रसाद भक्त पूरे श्रद्धाभाव से ग्रहण करते हैं.
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