'जैसलमेर रियासत का महाराष्ट्र से कोई ताल्लुक नहीं', NCERT की किताब पर विवाद को लेकर बोला राजपरिवार
Jaisalmer News: राजपरिवार के सदस्य ठाकुर विक्रमसिंह ने कहा कि जैसलमेर और महाराष्ट्र के बीच न ही कभी युद्ध हुआ, न ही किसी प्रकार के मेल मिलाप के संबंध रहे हैं

महाराष्ट्र में NCERT की आठवीं क्लास की पाठ्य पुस्तक में इतिहास के साथ की गई कथित छेड़छाड़ से जैसलमेर में रोष है. जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा बताये जाने पर राजपरिवार के सदस्य ठाकुर विक्रमसिंह ने नाराजगी जताई है. उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण है जबकि जैसलमेर रियासत का महाराष्ट्र से दूर दूर तक कोई ताल्लुक नहीं रहा है.
ठाकुर विक्रमसिंह ने कहा, ''दोनों का अपना अपना गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन जैसलमेर और महाराष्ट्र के बीच न ही कभी युद्ध हुआ, न ही किसी प्रकार के मेल मिलाप के संबंध रहे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र के अधीनस्थ रहने का सवाल भी खड़ा नहीं होता है और ना ही इतिहास में इसका कोई उल्लेख किया गया है.''
जैसलमेर के कई लोगों को वीरगति मिली- विक्रम सिंह
उन्होंने ये भी कहा कि सन 1176 में जैसलमेर की स्थापना से लेकर वर्तमान महारावल चैतन्यराज सिंह तक इस रियासत का स्वर्णिम काल रहा है. इस दौरान कई विदेशी आक्रान्तो ने कई आक्रमण किये और जैसलमेर के कई वीर वीरगति को प्राप्त भी हुए, वहीं विरांगनाओं ने जौहर भी किये हैं.
'भाटी राजवंश को किसी की अधीनता मंजूर नहीं थी'
विक्रमसिंह ने आगे कहा, ''उस समय में न भाटी राजवंश को और ना ही यहां की प्रजा को किसी के अधीनता मंजूर थी. इसी के फलस्वरूप यहां के भाटी वंश को 'उत्तर भड़ किवाड़ भाटी' यानी की उत्तरी सीमा के रक्षक की उपाधि दी गई और अब महाराष्ट्र के अधीनस्थता की बात में तथ्य नहीं है.
'पहले भी इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया'
उन्होंने कहा, ''NCERT में पहले भी कई त्रुटियां थी, पहले भी इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया था जबकि देश में राजपूताना का गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन इसमें सुधार की जरूरत है. जैसलमेर रियासत एक राष्ट्र के समान था और भारत के मानचित्र पर पूर्ण रूप से स्वाधीन स्टेट में से एक था. इसको लेकर स्थानीय लोगों में रोष है.''
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