खाद्य सामग्रियों के GST के दायरे में आने पर सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- राहत दे सरकार
Rajasthan News: देश में मंहगाई के बाद बेरोजगारी ऊपर से है. ऐसे माहौल के अंदर आपने खाने-पीने की चिजों पर जीएसटी लगा दी है. इसको लेकर लोगों में रिएक्शन है, सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए.
GST Rate In Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आटा, दाल, गेहूं, चावल को जीएसटी में शामिल किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कल देशभर में मंडियां बंद रहीं इससे काफी नुकसान हुआ है. मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए सीएम गहलोत ने कहा, कल आटा, दाल, गेहूं, कि पूरे देश के अंदर मंडियां बंद रहीं ये नौबत नहीं आनी चाहिए. मंडियां बंद करने की नौबत आ गई, आप सोच सकते हैं कि इतने सालों के बाद भी जीएसटी के नाम पर सरकार बार-बार फैसले बदल रही है. ऐसा नहीं होना चाहिए.
सरकार आम जनता को राहत दे- सीएम गहलोत
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे का, जब जीएसटी का कॉन्सेप्ट यूपीए गवर्नमेंट लेकर आई थी, उस समय एक टैक्स की बात थी, अब मौजूदा केंद्र सरकार कितने बदलाव कर चुकी हैं? आप देख सकते हैं. अब तो आटा-दाल पर भी जीएसटी लगाने की स्थिति आ गई है. पूरे देश के अंदर महंगाई की मार है. महंगाई की मार को गरीब ही समझ सकता है, यह अमीर को महसूस नहीं होती है, बल्कि अमीर को महसूस कभी होगी भी नहीं. गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए स्थिति खराब है. मंहगाई के बाद बेरोजगारी ऊपर से है. ऐसे माहौल के अंदर आपने खाने-पीने की चिजों पर जीएसटी लगा दी है. इसको लेकर लोगों में रिएक्शन है, सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए. मेरा मानना है कि आम जनता को राहत देनी चाहिए.
18 जुलाई से 5 प्रतिशत जीएसटी लागू
बता दें कि जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर केन्द्र सरकार की ओर से 18 जुलाई से गैर ब्राण्डेड खाद्यान्न आटा, दाल, चावल, गुड़, गेहूं, बाजरा, ज्वार पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू होगी. वहीं व्यापारियों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से अब सभी अनब्रांडेड अनाज जीएसटी के दायरे में आ गए हैं. सरकार के इस निर्णय से रोजमर्रा की चीजें महंगी हो जाएंगी और महंगाई बढ़ जाएगी.