प्रेग्नेंट महिलाओं को वीजा के लिए ट्रंप की No, आखिर क्यों अमेरिका ने लिया इतना बड़ा फैसला
US Citizenship: सख्ती के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने एक नई योजना पेश करके हलचल पैदा कर दी है. ट्रंप ने ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’ नाम से दस लाख डॉलर का विशेष वीजा कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है.

अमेरिका में जन्म देने के उद्देश्य से टूरिस्ट वीजा लेने वालों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी. भारत में अमेरिकी दूतावास ने साफ कर दिया है कि अगर किसी भी आवेदक की मंशा अमेरिकी धरती पर बच्चे को जन्म देकर उसके लिए नागरिकता हासिल करने की है, तो ऐसे लोगों को टूरिस्ट वीजा नहीं दिया जाएगा. दूतावास ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यह प्रयास अमेरिकी वीजा व्यवस्था का दुरुपयोग माना जाएगा और आवेदन सीधे खारिज कर दिया जाएगा.
‘बर्थ टूरिज्म’ पर अमेरिकी दूतावास का सख्त रुख
अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट लिखा, 'अमेरिकी काउंसलर अधिकारी टूरिस्ट वीजा एप्लीकेशन को मना कर देंगे, यदि उन्हें लगता है कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में बच्चे को जन्म देकर उसके लिए अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करना है. इसकी अनुमति नहीं है.' दूतावास का यह बयान उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जो बच्चे की अमेरिकी नागरिकता को शॉर्टकट के रूप में देखते हैं.
ट्रंप लाए नई वीजा योजना
सख्ती के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई योजना पेश करके हलचल पैदा कर दी है. ट्रंप ने ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’ नाम से दस लाख डॉलर का विशेष वीजा कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है. यह कार्यक्रम उन अप्रवासियों को अमेरिकी नागरिकता का मार्ग प्रदान करेगा, जिनमें अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता है.
ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों के मेधावी छात्र अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों से पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वापस लौटते हैं तो यह अमेरिका के लिए 'शर्मनाक और हास्यास्पद' स्थिति होती है. गोल्ड कार्ड योजना इसी प्रतिभा को अमेरिका में बनाए रखने के लिए लाई गई है.
‘असाधारण प्रतिभाओं को अमेरिका में रोका जाना चाहिए’
व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि यह योजना अमेरिकी कंपनियों को वैश्विक स्तर की प्रतिभाओं को रखने और नियुक्त करने में मदद देगी. उन्होंने कहा, 'किसी महान व्यक्ति का हमारे देश में आना एक उपहार है. लेकिन डिग्री पूरी करने के बाद उन्हें भारत, चीन, फ्रांस या अपने-अपने देशों में लौटना पड़ता है. यह स्थिति हास्यास्पद है और हम इसे बदलने पर काम कर रहे हैं.'
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Source: IOCL























