(Source: ABPLIVE पत्रकारों का Exit Poll)
Jaipur: फिर विवादों में BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य, थाने में SHO की कुर्सी पर बैठे, कांग्रेस ने घेरा
Balmukund Acharya News: हवामहल सीट से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य की थाने में एसएचओ की कुर्सी पर बैठने की तस्वीर वायरल होने के बाद कांग्रेस ने निशाना साधा है. हालांकि इस पर विधायक ने सफाई दी है.

राजस्थान की राजधानी जयपुर की हवामहल विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं. इस बार उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल है जिसमें वह पुलिस थाने में एसएचओ की कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने उनकी फोटो शेयर कर बीजेपी को घेरा है.
कांग्रेस की महिला नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बालमुकुंद आचार्य की फोटो शेयर कर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "यह BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य हैं यह जयपुर के रामगंज थाने गए, वहां यह एसएचओ की कुर्सी पर ही विराजमान हो गए और बाकी पुलिसकर्मी स्कूल के बच्चों की तरह सामने बैठ कर मानो ज्ञान सुनने लगे. हद है!"
बता दें कि यह तस्वीर रविवार 13 जुलाई की है, जब शनिवार (12 जुलाई) को रामगंज इलाके में छेड़खानी की घटना के बाद पथराव और हंगामा हुआ था. इसी मामले में विधायक बालमुकुंद आचार्य ने रविवार को थाने पर पुलिस अधिकारियों की बैठक ली थी. कानून व्यवस्था के संबंध में बैठक कर उनसे जानकारी हासिल की थी.
'पुलिस वालों ने दी जगह इसलिए बैठा'
विधायक बालमुकुंद आचार्य संत और हाथोज धाम के पीठाधीश्वर भी हैं. विधायक बालमुकुंद आचार्य का कहना है कि बैठक में उन्हें तमाम लोगों से जानकारी लेनी थी. थाने पहुंचने पर वहां पुलिस वालों ने उनके लिए जो जगह निर्धारित की थी वह उस पर बैठ गए थे
'किसी की निर्धारित कुर्सी पर नहीं बैठता'
उनका कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह थानेदार की कुर्सी है. विधायक बालमुकुंद के मुताबिक वह कभी भी किसी दूसरे के लिए निर्धारित कुर्सी पर नहीं बैठते हैं. घटना बेहद संवेदनशील थी और वह जानकारी के लिए बैठक लेने थाने गए थे. इसलिए पुलिस वालों ने उन्हें जहां जगह दी, बैठ गए.
कांग्रेस पर किया पलटवार
विधायक बालमुकुंद आचार्य का यह भी कहना है, "कांग्रेस के लोग छोटी-छोटी बात पर राजनीतिक रोटियां सेंकने लगते हैं उनके मुताबिक सुप्रिया श्रीनेत ने उनकी तस्वीर तो ट्वीट कर दी, लेकिन जिस घटना की जानकारी के लिए वह थाने गए थे, उसे बारे में कुछ भी नहीं लिखा."
बीजेपी विधायक ने कहा, "वहां सावन के पवित्र महीने में एक महिला के साथ छेड़खानी की घटना हुई थी. एतराज जताने पर लोगों ने जमकर पथराव कर तोड़फोड़ भी की थी. सुप्रिया श्रीनेत और कांग्रेस के दूसरे नेता इसे लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. उन्हें इस बारे में भी आवाज उठानी चाहिए थी, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों से ऐसे मामलों में कोई उम्मीद नहीं की जा सकती."
Source: IOCL
























