रोहतक बीजेपी प्रत्याशी अरविंद शर्मा के बयान पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा का पलटवार, 'जिसे सरकार ने मरने के लिए छोड़ा उसे हमने...'
Haryana Lok Sabha Elections 2024: दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने BJP सांसद अरविंद शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार से निराश होकर मदद के लिए चीखती उस टाइम की आवाजें आज भी जहन में गूंजती हैं.
Haryana Lok Sabha Chunav 2024: हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अरविंद शर्मा ने मीडिया से बातचीत के दौरान काग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा इस समय लोगों के बीच चक्कर काट रहे है लेकिन उस समय कहां थे जब कोरोना महामारी आई, क्या कहीं देखने को मिले?
इसपर हुड्डा ने पलटवार करते हुए एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि ये सियासत का अजीब दौर है. सत्तारुढ़ पार्टी के सांसद आप हैं, राज्य व केंद्र सरकार आपकी है. लेकिन सवाल हमसे पूछ रहे हैं. ये सवाल तो हमारा है कि आप और आपकी सरकार उस महामारी के दौर में कहां थे, जब लोग बिना ऑक्सीजन, दवाई और इलाज के तड़प-तड़पकर मर रहे थे?
‘हमने जनता को बचाने के लिए दिनरात कोशिशें कीं’
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे लिखा कि जहां तक हमारी बात है तो एक राजनीतिक प्रतिनिधि नहीं बल्कि एक इंसान होने के नाते कोरोना काल में हमने एक टीम के माध्यम से पूरे हरियाणा, दिल्ली NCR, पंजाब और देश के विभिन्न हिस्सों में सैंकड़ों ज़िंदगियों को बचाया और हज़ारों लोगों तक मदद पहुंचाई. हमारी शक्तियां व संसाधन सीमित थे. फिर भी जिस जनता को सरकार ने मरने के लिए अपने हाल पर छोड़ दिया था, हमने उस जनता को बचाने के लिए दिनरात कोशिशें कीं.
हुड्डा ने कहा कि सरकार से निराश होकर मदद के लिए चीखती उस टाइम की आवाज़ें आज भी ज़हन में गूंजती हैं. हम उन आवाज़ों को ना सिर्फ सुन रहे थे, बल्कि उन्हें उम्मीद, ऑक्सीजन, दवाई, हॉस्पिटल बेड, ईलाज व डॉक्टर मुहैया करवा रहे थे.
‘सरकार प्रजातंत्र का गला घोंटने का काम कर रही हैं’
इसके साथ ही शनिवार को झज्जर में मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एक महीने में ईडी झारखंड में हेमंत सोरेन के दफ्तर और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची. विपक्ष का कोई नेता बाकि नहीं है जिसे समन नहीं भेंजे जा रहे हो. मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, भूपेन्द्र सिंह हुडा भी समन भेंजे गए. उन्होंने कहा कि क्या इस तरह की कार्यशैली लोकतंत्र के लिए सही है? सरकार तानाशाही और अहंकार के रास्ते पर चलकर प्रजातंत्र का गला घोंटने का काम कर रही है जो देश और देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है.
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