राज ठाकरे के साथ आने वाले बयान पर उद्धव ठाकरे की पहली प्रतिक्रिया, 'मेरी तरफ से...'
Uddhav Thackeray On Raj Thackeray: राज ठाकरे के ऑफर पर चचेरे भाई उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के हित की सरकार हम केंद्र में स्थापित करते और राज्य में भी सरकार होती, लेकिन उस वक्त क्या रुख था?

Uddhav Thackeray On Raj Thackeray: महाराष्ट्र की सियासत में दो भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे क्या साथ आएंगे? ये सवाल शनिवार (19 अप्रैल) को उस समय खड़ा हुआ जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र हित में साथ आने की बात कही.
इस पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) उद्धव ठाकरे ने कहा कि चलिए मेरी तरफ से कोई झगड़ा नहीं था, जो था वो भूल गए. लेकिन क्या आप (राज ठाकरे) बीजेपी के साथ आएंगे या राज्य का हित देखेंगे.
...तो केंद्र में उनकी सरकार नहीं होती- उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने कहा, ''मेरा तो मानना ऐसा है कि मराठी मानुस के लिए महाराष्ट्र के हित के लिए यह छोटे मोटे झगड़ को बाजू में रखने को मैं भी तैयार हूं. सभी मराठी मानुस को महाराष्ट्र के लिए साथ आने की गुजारिश करता हूं, लेकिन मेरी एक शिकायत है, जब हम लोकसभा के समय कह रहे थे कि महाराष्ट्र का उद्योग गुजरात लेकर जाया जा रहा है, उसी वक्त विरोध किए होते तो केंद्र में सरकार वहां नहीं होती.''
उन्होंने कहा, ''महाराष्ट्र के हित की सरकार हम केंद्र में स्थापित करते और राज्य में भी महाराष्ट्र के विचार करने वाली सरकार होती, लेकिन उस वक्त समर्थन दिया गया, फिर विरोध किया गया और फिर गठजोड़ करने का...ऐसा नहीं चलेगा.''
उद्धव ठाकरे ने रखी शर्त
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष ने कहा, ''महाराष्ट्र के हित के बीच में जो भी कोई आएगा, मैं उसके घर नहीं जाऊंगा, घर नहीं बुलाऊंगा, उसका स्वागत नहीं करूंगा, उसके साथ नहीं बैठूंगा...पहले यह तय कीजिए और फिर महाराष्ट्र के हित की बात कीजिये.''
उद्धव ठाकरे ने कहा, ''हमारे बीच, मेरी तरफ से कोई झगड़ा नहीं है, चलिए मिटा देता हूं, लेकिन पहले यह तय कीजिए कि बीजेपी के साथ जाना है कि शिवसेना के साथ, यानी मेरे साथ, गद्दार सेना के साथ नहीं. तय कीजिए किसके साथ जाकर महाराष्ट्र और हिंदुत्व का हित होने वाला है. बीजेपी के साथ या मेरे साथ.''
उन्होंने कहा, ''बाकी क्या करना है, समर्थन करना है, विरोध करना है, बिना शर्त समर्थन करना है, मुझे कुछ नहीं कहना. लेकिन मेरी एक ही शर्त है महाराष्ट्र का हित. बाकी किसी और के लिए समर्थन-प्रचार नहीं करेंगे, यह छत्रपत्ति शिवजी महाराज के सामने शपथ लीजिए.''
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर क्या कहा?
अभिनेता महेश मांजरेकर ने पॉडकास्ट में राज ठाकरे से सवाल किया, ''क्या आप भी शिवसेना के साथ जा सकते हैं?''
इसपर एमएनएस प्रमुख ने कहा, महाराष्ट्र हित के सामने, हमारे झगड़े, हमारी बातें छोटी होती हैं, महाराष्ट्र बहुत बड़ा है. ये झगड़े और विवाद महाराष्ट्र और मराठी लोगों के अस्तित्व के लिए बहुत महंगे हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता, एक साथ आने और एक साथ रहने में कोई कठिनाई है. इसलिए मुझे नहीं लगता है कि एक साथ आने और एक साथ रहने में कोई कठिनाई है.''
राज ठाकरे ने कहा, ''विषय केवल इच्छा का है, यह केवल मेरी इच्छा का मामला नहीं है और यह मेरे स्वार्थ का मामला भी नहीं है. मुझे लगता है कि बड़ी तस्वीर देखना महत्वपूर्ण है. महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों के मराठी लोगों को एक साथ आकर एक पार्टी बनानी चाहिए.''
बीएमसी चुनाव चुनाव से पहले बयान
बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) चुनाव से पहले राज ठाकरे का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है. देखना दिलचस्प होगा कि इन बयानों से दोनों भाईयों में दूरी कितनी कम होती है.
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे से नाराजगी के बाद शिवसेना से अलग होकर 2006 में एमएनएस का गठन किया था. हाल के चुनावों में राज ठाकरे को कोई सफलता नहीं मिली है. ऐसे में बीएमसी से उन्हें काफी उम्मीद है.
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