Maharashtra: उद्धव ठाकरे परिवार संग पहुंचे भाई राज ठाकरे के घर, विरोधियों की टिकी नजरें
Maharashtra News: गणेशोत्सव पर उद्धव ठाकरे परिवार संग राज ठाकरे के घर पहुंचे. गणेशोत्सव के बहाने परिवारिक नजदीकी बढ़ी और बीएमसी चुनाव से पहले नए समीकरण बनते दिख रहे हैं.

गणेशोत्सव के मौके पर बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे के घर ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे और भगवान गणेश के दर्शन किए. यह मुलाकात सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक मायनों से भी बेहद अहम मानी जा रही है.
दशकों बाद फिर से नजदीकी
उद्धव और राज ठाकरे लंबे वक्त से अलग-अलग राजनीतिक राह पर चल रहे थे. लेकिन गणेशोत्सव के बहाने दोनों परिवार फिर से एक साथ आए हैं. राजनीतिक गलियारों में इसे ‘ठाकरे परिवार की घर वापसी’ के तौर पर देखा जा रहा है. दशकों बाद दोनों परिवारों के बीच नजदीकी बढ़ती नजर आ रही है.
Mumbai, Maharashtra: Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray, along with his family, arrives at MNS chief Raj Thackeray’s residence to offer prayers to Lord Ganesh pic.twitter.com/vcrffIxHJG
— IANS (@ians_india) August 27, 2025
बीएमसी चुनाव पर टिकी नजरें
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब 2026 के मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव नजदीक हैं. बीएमसी को महाराष्ट्र की राजनीति का मिनी विधानसभा माना जाता है. जाहिर है, ठाकरे परिवार की नजदीकी से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं. विरोधियों की भी इस मुलाकात पर नजरें टिकी हुई हैं.
जुलाई में भी आए थे साथ
गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में उद्धव और राज ठाकरे करीब 20 साल बाद एक साथ मंच साझा करते नजर आए थे. वर्ली में आयोजित उस रैली में दोनों ने राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले का विरोध किया था. जनता के दबाव और विरोध के चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह निर्णय वापस लेना पड़ा.
राज ठाकरे ने रैली में कहा था कि महाराष्ट्र की अहमियत किसी भी तरह की राजनीति से कहीं ज्यादा है. करीब 20 साल बाद वे और उद्धव ठाकरे एक साथ आए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि जो काम कभी बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए, उसे देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया.
गणेशोत्सव के दौरान यह मुलाकात परिवारिक रिश्तों को फिर से जोड़ने का संकेत देती है. लेकिन राजनीति में इसका असर कितना गहरा होगा, यह आने वाले वक्त में साफ होगा. फिलहाल इतना तय है कि ठाकरे परिवार की इस नजदीकी ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल जरूर पैदा कर दी है.
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Source: IOCL
























