Maharashtra Politics: जेल से छूटने के बाद शरद पवार से मिले सत्यजीत चव्हाण, शिंदे सरकार को दे डाली ये चेतावनी
Barsu Refinery Project: सत्यजीत चव्हाण ने चेतावनी दी है कि बारसू परियोजना के चल रहे सर्वेक्षण को बंद करने, पुलिस बल वापस लेने और दमन बंद करने पर ही वह राज्य सरकार से बातचीत करेंगे.

Ratnagiri Refinery Survey: बारसू रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ कोंकण के लोगों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सत्यजीत चव्हाण ने जेल से रिहा होने के बाद सीधे एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की. इस बारे में रविवार (30 अप्रैल) को खुद शरद पवार ने ट्वीट किया था. इस दौरान सत्यजीत चव्हाण के प्रतिनिधिमंडल के साथ एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड भी मौजूद थे. शरद पवार ने कहा, “सत्यजीत चव्हाण और उनका प्रतिनिधिमंडल, जो बारसू रिफाइनरी परियोजना का विरोध करते हैं, आज मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र में मिले. इस दौरान पूर्व मंत्री, विधायक जितेंद्र आव्हाड मौजूद थे.
सत्यजीत चव्हाण ने दी ये चेतावनी
इस बीच, परियोजना का विरोध कर रहे सत्यजीत चव्हाण ने चेतावनी दी है कि बारसू परियोजना के चल रहे सर्वेक्षण को बंद करने, पुलिस बल वापस लेने और दमन बंद करने पर ही वह राज्य सरकार से बातचीत करेंगे. चव्हाण ने यह भी कहा कि शुक्रवार (28 अप्रैल) को मुंबई के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में हमारे अपने मत के अनुसार हमारे विकास के मॉडल पर चर्चा की जाएगी. इस अवसर पर रिफाइनरी रोधी संगठन (बरसू-सोलगांव पंचक्रोशी) के महासचिव नरेंद्र जोशी और अध्यक्ष वैभव कोलवनकर उपस्थित थे.
क्या बोले सत्यजीत चव्हाण?
सत्यजीत चव्हाण ने कहा था, कोंकण में विकास करते हुए हम ऐसे प्रोजेक्ट नहीं चाहते जो पेट्रोकेमिकल जोन बनाते हों, जो प्रकृति के साथ-साथ इंसानों को भी नुकसान पहुंचाते हों. इस संबंध में राज्य सरकार को बार-बार अभ्यावेदन दिया जा चुका है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने का प्रयास किया गया. हालांकि, शिंदे अभी तक दौरे पर नहीं आए हैं. यदि रिफाइनरी परियोजना आगे बढ़ती है, तो भविष्य में अन्य जोखिम भरी परियोजनाएं भी होंगी. इससे प्रदूषण बढ़ेगा.”
जारी है रिफाइनरी परियोजना का विरोध
चव्हाण ने कहा था, "रत्नागिरी में बारसु रिफाइनरी परियोजना का हमारा विरोध जारी है और वहां के पांच गांवों की ग्राम पंचायतों द्वारा पारित ग्राम सभा प्रस्ताव परियोजना के खिलाफ हैं. सोमवार से शुरू हुए मिट्टी परीक्षण के विरोध में चार हजार से अधिक ग्रामीण बरसू सोलगांव बाड़ा में मौजूद हैं. ये ग्रामीण बाहर के नहीं बल्कि आसपास के गांवों के स्थानीय हैं. "उन्होंने भी रिफाइनरी का विरोध किया है क्योंकि इससे उनके गांव पर असर पड़ेगा."
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