'ऑपरेशन टाइगर' के तहत एकनाथ शिंदे की नई सियासी चाल, उद्धव गुट के खास ने क्यों दिया इस्तीफा?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में राजन सालवी को एकनाथ शिंदे गुट के नेता किरण सामंत ने हराया था. अब जब सालवी शिंदे की पार्टी में शामिल हो रहे हैं, तो सामंत नाराज हैं.

Rajan Salvi Resigns: महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व विधायक राजन सालवी ने इस्तीफा दे दिया है और वे गुरुवार (13 फरवरी) को एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होंगे. उनके इस कदम को ‘ऑपरेशन टाइगर’ का हिस्सा माना जा रहा है, जिसे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे गुट को और कमजोर करने के लिए शुरू किया है.
शिवसेना का दावा है कि एकनाथ शिंदे के संपर्क में 6 सांसद और कई विधायक हैं, जिससे आने वाले दिनों में बड़े सियासी उलटफेर की संभावना जताई जा रही है.
राजन सालवी की एंट्री, सामंत ब्रदर्स नाराज?
राजन सालवी राजापुर विधानसभा क्षेत्र से आते हैं, जहां नाणार रिफाइनरी प्रोजेक्ट लंबे समय से चर्चा में है. दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें एकनाथ शिंदे गुट के विधायक किरण सामंत ने हराया था. अब जब सालवी शिंदे की पार्टी में शामिल हो रहे हैं, तो किरण सामंत खासे नाराज बताए जा रहे हैं. हालांकि किरण सामंत ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए नाराजगी से इनकार किया है. दूसरी तरफ मंत्री उदय सामंत ने भी राजन सालवी का स्वागत किया है.
राजन सालवी क्यों हैं नाराज ?
सालवी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) के उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों का कहना है कि वे पार्टी के भीतर गुटबाजी और वरिष्ठ नेताओं से अपेक्षित समर्थन न मिलने से परेशान थे. वहीं, स्थानीय निकाय चुनावों में सत्ता मिलने की उम्मीद के चलते उनके समर्थक उन पर दलबदल का दबाव बना रहे थे.
सालवी को लेकर यूबीटी की प्रतिक्रिया क्या?
शिवसेना (UBT) के सांसद विनायक राउत ने कहा, ''एकनाथ शिंदे, राजन सालवी का इस्तेमाल कर रहे हैं.'' उन्होंने आरोप लगाया कि उदय सामंत और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की बढ़ती नजदीकियों को देखते हुए, शिंदे ने सालवी को अपने पाले में लाने की चाल चली है.
राउत ने यह भी दावा करते हुए कहा, ''विधानसभा चुनाव के बाद सालवी ने 100 बैठकें कीं और बीजेपी में जाने की इच्छा जताई थी. फडणवीस उन्हें विधान परिषद भेजेंगे, लेकिन बीजेपी ने उनके लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए. अब जिस सामंत परिवार के खिलाफ वे आवाज उठा रहे थे, उसी के नेतृत्व में उन्हें जाना पड़ रहा है.''
उद्धव गुट की चिंता बढ़ी!
‘ऑपरेशन टाइगर’ पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है, जिसके तहत एकनाथ शिंदे लगातार उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह रणनीति उनके लिए सफल भी होती दिख रही है, क्योंकि सालवी से पहले भी ठाकरे गुट के कई कार्यकर्ता और नेता शिंदे की पार्टी में शामिल हो चुके हैं.
एकनाथ शिंदे ने जिस तरह ‘ऑपरेशन टाइगर’ को आगे बढ़ाया है, उससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या आने वाले दिनों में और भी बड़े चेहरे शिवसेना (उद्धव गुट) छोड़ सकते हैं? ठाकरे गुट इस चुनौती का कैसे सामना करेगा, यह देखने वाली बात होगी. फिलहाल, शिंदे गुट को इस ताजा दलबदल से बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है.
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