महाभियोग...संयोग या प्रयोग ?
भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त देश के निर्वाचन आयोग का प्रमुख होता है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभालता है. विपक्षी दल देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है. लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाना अत्यंत जटिल और कठिन प्रक्रिया है, जिसमें संसद की मंजूरी और विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है. चलिए आपको बताते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में. मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324(5) में प्रावधान है कि इसे सुप्रीम कोर्ट के जजों को हटाने की प्रक्रिया के समान आधारों पर ही लागू किया जा सकता है. यह प्रक्रिया जिसे सामान्यतः महाभियोग कहा जाता है संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विशेष बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित करने की मांग करती है.भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त देश के निर्वाचन आयोग का प्रमुख होता है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभालता है. विपक्षी दल देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है. लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाना अत्यंत जटिल और कठिन प्रक्रिया है, जिसमें संसद की मंजूरी और विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है. चलिए आपको बताते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में. मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324(5) में प्रावधान है कि इसे सुप्रीम कोर्ट के जजों को हटाने की प्रक्रिया के समान आधारों पर ही लागू किया जा सकता है. यह प्रक्रिया जिसे सामान्यतः महाभियोग कहा जाता है संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विशेष बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित करने की मांग करती है.भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त देश के निर्वाचन आयोग का प्रमुख होता है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभालता है. विपक्षी दल देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है. लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाना अत्यंत जटिल और कठिन प्रक्रिया है, जिसमें संसद की मंजूरी और विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है. चलिए आपको बताते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में. मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324(5) में प्रावधान है कि इसे सुप्रीम कोर्ट के जजों को हटाने की प्रक्रिया के समान आधारों पर ही लागू किया जा सकता है. यह प्रक्रिया जिसे सामान्यतः महाभियोग कहा जाता है संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विशेष बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित करने की मांग करती है.

























