Raj-Uddhav Thackeray Rally Live: उद्धव और राज ठाकरे ने एक मंच से भरी हुंकार, 'सबको उखाड़ फेंकने के लिए हम साथ आए'
Raj Thackeray Uddhav Thackeray Rally Live: मुंबई में शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा संयुक्त रैली के दौरान भाइयों, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी.
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Raj-Uddhav Thackeray Rally Live Updates: महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज बेहद ही अहम दिन है. करीब 20 साल बाद ठाकरे ब्रदर्स आज एक साथ किसी सियासी मंच पर नजर आए. महाराष्ट्र के स्कूलों में त्रिभाषा सूत्र लागू करने के कड़े विरोध के बाद देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने हिंदी भाषा की अनिवार्यता का आदेश स्थगित कर दिया था. इसके बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने इसे मराठी एकजुटता की जीत के रूप में उत्सव मनाने का फैसला किया था. दोनों नेताओं की ओर से संयुक्त रूप से मराठी विजय रैली का आयोजन किया गया है.
आज सुबह 10 बजे वरली के एनएससीआई डोम में विजय सभा का आयोजन किया गया. इसमें मराठी प्रेमी, साहित्यकार, लेखक, कवि, शिक्षक, संपादक और कलाकार और अन्य क्षेत्र से संबंधित लोगों को भी आमंत्रित किया गया है. इस रैली में किसी पार्टी का झंडा नहीं है.
राज और उद्धव के साथ आने से बदलेगा समीकरण?
पिछले 20 सालों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे हैं. अब दोनों में गठबंधन होने की चर्चा तेज है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि उद्धव और राज ठाकरे के बीच रिश्ते सुलझने से मराठी वोटों का ध्रुवीकरण संभव है. ऐसे में गठबंधन गेमचेंजर भी साबित हो सकता है. राज्य का सियासी समीकरण भी बदल सकता है.
बीजेपी का उद्धव ठाकरे पर तंज
उधर, सत्ताधारी पार्टी का आरोप है कि दोनों नेताओं की ये एकजुटता मराठी के लिए नहीं, बल्कि महानगरपालिका चुनाव के लिए है. उनका कहना है कि चुनाव खत्म होते ही मराठी के मुद्दे को ये भूल जाएंगे. बीजेपी विधायक रवि राणा ने कहा, ''अच्छी बात है, मराठी के मुद्दे के पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी काम कर रहे हैं. मराठी स्कूल, मराठी जिला परिषद अन्य चीजों के लिए सबसे ज्यादा पैसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया है. उद्धव ठाकरे ने जैसे भाजपा को धोखा दिया, वैसे ही जल्द ही राज ठाकरे को भी धोखा देंगे.
उन्होंने आगे कहा, ''उद्धव ठाकरे सिर्फ महानगरपालिका, मुंबई चुनाव के कारण राज ठाकरे का उपयोग कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने पूर्व में कई बार राज ठाकरे का अपमान किया. ऐसे में सभी को दिख रहा है कि यह सिर्फ चुनाव के लिए साथ आए हैं.''
राज ठाकरे ने हिंदी को लेकर सरकार के फैसले पर क्या कहा?
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संस्थापक राज ठाकरे ने रविवार को कहा था कि सरकार ने पहली क्लास से 3 भाषाएं पढ़ाने के बहाने हिंदी भाषा थोपने के अपने फैसले को मराठी लोगों के विरोध के कारण वापस लिया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था, ''सरकार हिंदी भाषा को लेकर इतनी अड़ियल क्यों थी और वास्तव में इसके लिए सरकार पर कौन दबाव बना रहा था, यह रहस्य बना हुआ है.''
राज ठाकरे कब हुए थे अलग और अभी क्या स्थिति?
राज ठाकरे ने नवंबर 2005 को शिवसेना से इस्तीफा दिया था. उन्होंने मार्च 2006 को मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की स्थापना की थी. शिवसेना से बाहर निकलने का मुख्य कारण पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष था. राज का उग्र मराठी-हिंदुत्व रुख था जबकि उद्धव ठाकरे का संतुलित दृष्टिकोण था. 2009 के चुनाव में MNS ने 13 सीटों पर जीत हासिल की थी. राज ठाकरे की पार्टी को बने करीब 19 साल हो गया है. उन्हें अभी तक राज्य की सरकार में हिस्सेदारी नहीं मिली है. पार्टी की पकड़ भी पूरे महाराष्ट्र में नहीं है. ऐसे में उद्धव ठाकरे के साथ अगर गठबंधन होता है तो बीएमसी चुनाव में दोनों अहम रोल निभा सकते हैं.
उद्धव ठाकरे के भाषण में हार का दुख- शिवसेना सांसद
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि उद्धव ठाकरे के भाषण में हार का दुख दिख रहा था. उद्धव ठाकरे चुनाव के लिये ये सब कर रहे हैं. उनको छोड़कर सब कोई जा रहा है.
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर बोला हमला
उद्धव ठाकरे ने बिना नाम लिए एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि कल एक गद्दार ने कहा 'जय गुजरात', अरे, कितनी चापलूसी करोगे? ‘पुष्पा’ फिल्म में नायक दाढ़ी पर हाथ फेरकर कहता है “झुकेगा नहीं साला”, और ये कहता है “उठेगा नहीं साला” अब तो आंखें खोलो. अगर कोई तुम पर हाथ उठाए, तो हाथ चुपचाप मत रहने दो, जवाब जरूर दो.
Source: IOCL





















