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Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और NCP नेता हसन मुश्रीफ को झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज
Money laundering case: मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका हो गई है.एनसीपी नेता ने ईडी से गिरफ्तारी की आशंका से याचिका दायर की थी.
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Mumbai : मुंबई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कथित मनी-लॉन्ड्रिंग (धन शोधन निवारण अधिनियम) मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज दी है. एनसीपी (राकांपा) नेता और पूर्व मंत्री मुश्रीफ ने दायर याचिका में कहा था कि जांच के नाम पर और धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज कराने के नाम पर उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) यानी ईडी द्वारा गिरफ्तारी की आशंका है.
ईडी ने कहा, बगैर किसी ठोस कारोबार के करोड़ों की हुई आवाजाही
ईडी ने तर्क दिया है कि सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री प्राइवेट लिमिटेड को समर्थन देने के लिए दो कंपनियों से कई करोड़ रुपये की आवाजाही बिना किसी ठोस कारोबार के हुई थी. सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री में मुश्रीफ के बेटे निदेशक या हितधारक थे.
मुश्रीफ ने किरीट सोमैया के राजनीतिक अभियान का परिणाम बताया
मुश्रीफ ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि यह पूरा मामला भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया की ओर से शुरू किए गए एक राजनीतिक अभियान का परिणाम है. हालांकि, ईडी ने इन दलीलों का खंडन किया और कहा कि वह कागल (कोल्हापुर) के विधायक और तत्कालीन महा विकास अघडी सरकार में पूर्व मंत्री मुश्रीफ के खिलाफ राजनीतिक कारणों से मामले को आगे नहीं बढ़ा रही है.
दोनों पक्षों की सुनने के बाद अदालत ने खारिज कर दी अग्रिम जमानत याचिका
ईडी ने तर्क दिया कि मुश्रीफ दोष को दूसरों पर स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इससे अपराध समाप्त नहीं होता है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने मुश्रीफ की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट से इसी तरह की राहत के लिए आवेदन किया था.
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