राज ठाकरे की MVA में एंट्री को लेकर कांग्रेस को ऐतराज? पार्टी ने साफ किया रुख
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में MVA गठबंधन में मनसे की एंट्री को लेकर हलचल है. उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे को साथ लाने के इच्छुक हैं ताकि मराठी वोटबैंक मजबूत हो.

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. महाविकास आघाड़ी (MVA) की हालिया बैठकों में अब मनसे प्रमुख राज ठाकरे की मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में नए समीकरणों के संकेत दिए हैं. उद्धव ठाकरे लगातार राज ठाकरे के साथ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं, जबकि कांग्रेस फिलहाल इस गठबंधन में मनसे की एंट्री को लेकर खुलकर समर्थन नहीं दे रही है.
हाल ही में राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मुलाकातों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब मनसे को MVA में जगह मिलने जा रही है? पिछले एक हफ्ते में यह तीसरी मुलाकात थी, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे की कोशिश है कि राज ठाकरे को गठबंधन में लाकर मराठी वोटबैंक को मजबूत किया जाए.
‘वेट एंड वॉच’ की अपना रही है रणनीति
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा है कि राज ठाकरे खुद चाहते हैं कि महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस भी बनी रहे. यह रुख इसलिए अहम है क्योंकि पहले राज ठाकरे, कांग्रेस की मौजूदगी के चलते MVA में शामिल होने से पीछे हट गए थे. अब कांग्रेस इस नए सियासी समीकरण पर ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपना रही है.
कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा कि फिलहाल इस पर पार्टी अंदरूनी मंथन कर रही है और अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं, मनसे की ओर से पूर्व विधायक राजू रतन पाटिल ने कहा, “अगर सब दल साथ आते हैं तो खुशी होगी, लेकिन अंतिम फैसला राज साहब का होगा.”
शिवसेना (UBT) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, “राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के नेता एक ही मंच पर बैठे थे — यह इस बात का संकेत है कि सब साथ आने को तैयार हैं.”
छवि पर पड़ सकता है असर
राज ठाकरे की MVA में संभावित एंट्री को लेकर कांग्रेस के भीतर मतभेद साफ हैं. पार्टी को आशंका है कि इससे बीएमसी चुनाव में परप्रांतीय वोट बैंक और बिहार चुनावों में उसकी छवि पर असर पड़ सकता है. आने वाले दिनों में तस्वीर साफ होगी कि मनसे महाविकास आघाड़ी का हिस्सा बनती है या नहीं, लेकिन फिलहाल कांग्रेस का रुख अब भी असमंजस में है.
Source: IOCL
























